युवाओं ने दिखाई मानवीयता की मिसाल, अपने खर्चे पर गांव के बच्चों को पहनाए चप्पल*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिले के मुख्यालय चाईबासा से सटे गितिलिपि गांव, जो पंचायत हरिला के अंतर्गत आता है, में रहने वाले बच्चों की पीड़ा अब दूर हो गई है। इन बच्चों के पास चप्पल नहीं होने के कारण वे अक्सर धूप में नंगे पैर ही चलते थे और स्कूल जाते थे। यह बात जैसे ही चाईबासा के कुछ जागरूक युवाओं को पता चली, उन्होंने न केवल बच्चों की समस्या को समझा, बल्कि अपने निजी खर्चे से उनके लिए 70 जोड़ी चप्पल खरीदी और उन्हें खुद अपनी हाथों से पहनाए।
गांव के बच्चों ने पहले कभी नहीं सोचा था कि उनके पास चप्पल होंगे, लेकिन जब इन युवाओं ने मदद का हाथ बढ़ाया, तो उनके चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई। नया चप्पल पाकर बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस नेक कार्य में गांव की साहिया जानकी देवी का विशेष योगदान रहा,
जिन्होंने इस काम को सुचारू रूप से पूरा करने में मदद की। चाईबासा से युवा सुदीप दास, गौरव निषाद, आदित्य शर्मा, साहिल साव, आकाश माहंती और नेहा निषाद ने भी मिलकर इस पहल को सफल बनाने में योगदान दिया।
यह पूरी घटना होली के समय हुई, जब गांव के बच्चों ने अपनी पीड़ा युवाओं से साझा की थी। उनके दिल को छू लेने वाली कहानी सुनने के तीन दिन बाद ही, उन बच्चों को नए चप्पल पहनने का सौभाग्य मिला। यह पहल एक सशक्त संदेश देती है कि जब समाज के सशक्त लोग एकजुट होते हैं, तो मुश्किलों को सरलता से हल किया जा सकता है।
चाईबासा के इन युवाओं की दरियादिली ने न केवल बच्चों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि समाज में बदलाव लाने के लिए हमें किसी बड़े प्रयास की नहीं, बल्कि छोटी-छोटी मदद की जरूरत होती है।