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श्री श्री राम लाल उत्सव समिति द्वारा श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का भव्य आयोजन, 20 मार्च से होगी शुभ शुरुआत

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर में श्री श्री राम लाल उत्सव समिति के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का भव्य आयोजन गुरुवार, 20 मार्च से साकची स्थित रामलीला मैदान से प्रारंभ होने जा रहा है। इस धार्मिक अनुष्ठान की सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं, और भक्तगण पूरे उत्साह एवं श्रद्धा के साथ इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। समिति के कार्यकर्ता इस पावन आयोजन को सफल बनाने के लिए तन-मन से जुटे हुए हैं।

इस सात दिवसीय भागवत कथा का वाचन करने के लिए आचार्य श्री राजेश कृष्ण जी महाराज श्रीधाम वृंदावन से पधार चुके हैं। वे भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं, गीता के उपदेशों और भक्ति मार्ग के महत्व पर प्रवचन देंगे, जिससे श्रद्धालु आध्यात्मिक ज्ञान एवं आत्मिक शांति प्राप्त करेंगे।

 

कलश यात्रा से होगी शुभ शुरुआत, जानिए इसका धार्मिक महत्व

 

कथा यज्ञ की पवित्र शुरुआत गुरुवार को भव्य कलश यात्रा के साथ होगी। इस यात्रा में सैकड़ों महिलाएं अपने सिर पर जल से भरे शुभ कलश को धारण कर मंगलमय वातावरण में भजन-कीर्तन के साथ आगे बढ़ेंगी।

 

कलश यात्रा का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व

 

हिंदू धर्म में कलश यात्रा को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह किसी भी धार्मिक अनुष्ठान की शुभ शुरुआत का प्रतीक है और इसके माध्यम से भक्तजन भगवान की कृपा, सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

1. शुभता और समृद्धि का प्रतीक:

 

जल से भरा हुआ कलश देवी-देवताओं की कृपा और घर में सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

 

 

 

2. आत्मा की शुद्धता और पवित्रता:

 

कलश यात्रा में भाग लेने से आत्मा की शुद्धि होती है और भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।

 

 

 

3. सकारात्मक ऊर्जा का संचार:

 

इस यात्रा से भक्तों के मन से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

 

 

 

4. देवताओं की कृपा:

 

कलश यात्रा में ब्रह्मा, विष्णु, महेश सहित 33 कोटि देवी-देवताओं की शक्ति समाहित होती है, जिससे भक्तों को ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 

 

 

5. पारिवारिक सुख-शांति:

 

इस यात्रा में भाग लेने से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

 

 

 

 

कलश यात्रा में भाग लेने के नियम और परंपराएं

 

शुद्धता और भक्ति भाव: यात्रा में भाग लेने वाले भक्तों को शुद्ध मन और श्रद्धा के साथ शामिल होना चाहिए।

 

वस्त्रधारण: पीले या लाल रंग के पारंपरिक वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

 

संगीत और भजन-कीर्तन: यात्रा के दौरान धार्मिक भजनों का गायन किया जाता है, जिससे वातावरण भक्तिमय हो जाता है।

 

 

आयोजन का कार्यक्रम और विशेष आकर्षण

 

यह भागवत कथा यज्ञ सात दिनों तक चलेगा, जिसमें प्रतिदिन भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं, धर्म, भक्ति और ज्ञान पर प्रवचन होंगे। कथा का समापन महाप्रसाद वितरण और विशाल भंडारे के साथ किया जाएगा।

 

श्रद्धालुओं से अपील

 

श्री श्री राम लाल उत्सव समिति ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में भाग लें और इस दिव्य कथा का श्रवण कर अपने जीवन को सार्थक बनाएं। इस आयोजन में भाग लेने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलेगा, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और ईश्वरीय आशीर्वाद की प्राप्ति भी होगी।

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