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कोषाध्यक्ष पद से हटाने पर जय प्रकाश भक्त ने जताई आपत्ति, जिला बार एसोसिएशन से मांगा स्पष्टीकरण

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड।जमशेदपुर में जिला बार एसोसिएशन जमशेदपुर के निर्वाचित कोषाध्यक्ष जय प्रकाश भक्त ने अपने पद से हटाए जाने और बैंक खाते के संचालन से रोके जाने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने अध्यक्ष और सचिव को संबोधित करते हुए एक विस्तृत आवेदन पत्र दिया है, जिसमें उन्होंने अपने हटाए जाने की प्रक्रिया को नियमों के विरुद्ध और षड्यंत्र का हिस्सा बताया है।

 

जय प्रकाश भक्त ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि उन्होंने 23 जनवरी 2025 को एक आवेदन देकर यह जानकारी मांगी थी कि जिला बार एसोसिएशन द्वारा कितनी डायरी और कैलेंडर छपवाए गए, कितने सम्मानित अधिवक्ताओं को वितरित किए गए, और कितने शेष हैं। इसके बाद उन्हें इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया और उनकी जानकारी के बिना एक योजना बनाकर उन्हें कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया गया।

उन्होंने आगे बताया कि 24 जनवरी 2025 को उन्होंने एसोसिएशन के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में भी यह अनुरोध किया था कि डायरी का पूरा विवरण दिया जाए, लेकिन इसके बावजूद कोई जवाब नहीं मिला। 29 जनवरी 2025 को जब वे बैंक गए, तो उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उन्हें बैंक ऑपरेशन से हटा दिया गया है और केवल अध्यक्ष एवं सचिव को ही चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी गई है।

 

जय प्रकाश भक्त के अनुसार, चेक नंबर 823781, जो 29 जनवरी 2025 को जारी किया गया था, उस पर केवल अध्यक्ष और सचिव के हस्ताक्षर थे। इस स्थिति को देखते हुए, उन्होंने 30 जनवरी 2025 को फिर से आवेदन दिया और पूछा कि बिना किसी कारण बताए उन्हें बैंक खाते के संचालन से कैसे हटा दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि मॉडल रूल्स की धारा 27(F) के अनुसार, कोषाध्यक्ष को बैंक और अन्य आधिकारिक खातों को अध्यक्ष और सचिव के साथ संचालित करने का अधिकार है, लेकिन इस नियम का पालन नहीं किया गया।

 

1 फरवरी 2025 को मिले जवाब में कहा गया कि 22 जनवरी 2025 को एक रेज़ोल्यूशन पास कर उन्हें मॉडल रूल्स की धारा 23(a) के तहत हटाया गया। जय प्रकाश भक्त ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि धारा 23(a) में कोषाध्यक्ष को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस बैठक में यह निर्णय लिया गया, उसमें कार्यकारी सदस्य वेद प्रकाश सिंह उपस्थित नहीं थे, लेकिन बाद में उनके हस्ताक्षर किए गए रेज़ोल्यूशन की प्रति उन्हें दी गई, जिससे साफ होता है कि यह रेज़ोल्यूशन बाद में एक साजिश के तहत तैयार किया गया।

उन्होंने मांग की है कि बिना किसी कारण बताए उन्हें बैंक संचालन से रोके जाने की पूरी जानकारी अविलंब 7 दिनों के भीतर दी जाए। जय प्रकाश भक्त ने इस मामले की जानकारी स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन को भी दी है और उचित कार्रवाई की मांग की है।

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