आदित्यपुर में अवैध बालू खनन माफिया सक्रिय, प्रशासन की चुप्पी से बढ़ा खतरा

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर स्थित कुलूपडागा खरकाई नदी तट पर अवैध बालू खनन माफिया धड़ल्ले से खनन कार्य कर रहे हैं। प्रशासनिक लापरवाही और पुलिस की संदिग्ध चुप्पी के कारण यह अवैध धंधा लगातार फल-फूल रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि भारी संख्या में बालू से लदे ट्रैक्टर और ट्रक रात के अंधेरे में नदी तट से गुजरते हैं, जिससे न केवल नदी के जलस्तर में गिरावट आ रही है, बल्कि तट कटाव का भी खतरा बढ़ गया है।
नदी तट पर विनाशकारी प्रभाव
नदी तट से बालू के अत्यधिक दोहन के कारण जलधारा की प्रवाह क्षमता प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की गतिविधियाँ भूगर्भ जलस्तर को भी नीचे गिरा सकती हैं, जिससे भविष्य में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। ग्रामीणों का आरोप है कि बालू खनन के कारण आसपास के खेतों में भी मिट्टी का कटाव हो रहा है, जिससे कृषि भूमि की उर्वरता प्रभावित हो रही है।
पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में
स्थानीय नागरिकों ने अवैध खनन को लेकर कई बार आदित्यपुर थाना को सूचित किया, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे संदेह गहरा रहा है कि पुलिस और खनन माफियाओं की मिलीभगत के कारण यह अवैध कार्य बिना किसी रुकावट के जारी है। लोगों ने बताया कि जब भी इस मामले की शिकायत की जाती है, तो या तो पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती या फिर दिखावटी रूप से कुछ गाड़ियों को जब्त कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
अवैध खनन से बढ़ रही आपराधिक घटनाएँ
गौरतलब है कि बालू खनन को लेकर पहले भी आदित्यपुर में गैंगवार हो चुके हैं, जिसमें कई अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की हत्या हो चुकी है। पिछले कुछ वर्षों में इस अवैध धंधे से जुड़े विभिन्न गिरोहों के बीच खूनी संघर्ष देखा गया है, जिससे क्षेत्र में विधि-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन ने अब तक इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला है।
प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की माँग
स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से अवैध खनन के खिलाफ सख्त कदम उठाने की माँग की है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस अवैध खनन पर रोक नहीं लगाई गई, तो भविष्य में इससे पर्यावरण और समाज दोनों को गंभीर नुकसान हो सकता है।