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बागबेड़ा जलापूर्ति योजना पर गहराया संकट, फंड की जानकारी से कार्यपालक अभियंता ने किया इनकार

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड।जमशेदपुर के बागबेड़ा बृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना को लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। योजना में देरी और फंड को लेकर विरोधाभासी बयानों के बीच बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा जिला मुख्यालय प्रभारी सुबोध झा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधीक्षक अभियंता अनिल कुमार से मुलाकात की। समिति ने विभाग को मांग पत्र सौंपते हुए स्पष्ट जवाब देने की मांग की।

अधीक्षक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि बागबेड़ा जलापूर्ति योजना के लिए भारत सरकार को फंड की मांग भेजी गई है। इस पर सुबोध झा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह योजना 15 महीने में पूरी करने का एग्रीमेंट हुआ था और विभाग ने 26 जुलाई 2024 तक ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने का वादा किया था। अब विभाग कह रहा है कि फंड केंद्र सरकार से नहीं मिला, जो जनता को गुमराह करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार (RTI) के तहत भी इस संबंध में जानकारी मांगी गई थी, लेकिन विभाग ने अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

 

सुबोध झा ने आरोप लगाया कि विभाग जनता के साथ-साथ न्यायालय को भी झूठी जानकारी दे रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पहले ही ₹50.58 करोड़ की राशि ग्रामीण जलापूर्ति योजना के लिए और ₹1.88 करोड़ बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी फिल्टर प्लांट के निर्माण के लिए उपलब्ध कराई जा चुकी है। इस संबंध में जब उन्होंने क्षेत्रीय सांसद से चर्चा की, तो सांसद ने कहा कि यदि विभाग ने केंद्र सरकार को फंड के लिए कोई पत्र लिखा है, तो उसे सार्वजनिक किया जाए। सांसद ने आश्वासन दिया कि वे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के केंद्रीय मंत्री से बात कर इस समस्या का समाधान कराएंगे।

 

जब अधीक्षक अभियंता अनिल कुमार ने कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार को फोन कर पत्र उपलब्ध कराने को कहा, तो सुनील कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि “इस प्रकार का कोई पत्र हमारे पास नहीं है और मैं इस पर कुछ नहीं बोल सकता।” इस जवाब के बाद सुबोध झा ने विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार गलत जानकारी देकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने समिति के पदाधिकारियों के सामने दावा किया कि ग्रामीण जलापूर्ति योजना से जून-जुलाई तक 19 पंचायतों के 113 गांवों और रेलवे क्षेत्र की 33 बस्तियों में घर-घर पानी पहुंचाया जाएगा। साथ ही, बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना के तहत फिल्टर प्लांट का काम मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा और अप्रैल से 1140 घरों में रहने वाले 20,000 लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि, सुबोध झा ने कहा कि इससे पहले भी विभाग ने फरवरी तक जलापूर्ति शुरू करने का आश्वासन दिया था, जो पूरा नहीं हुआ।

 

इस बैठक में बागबेड़ा महानगर विकास समिति के पवित्रा पांडे, अंकित कुमार, विनोद कुमार और राजेश कुमार भी मौजूद थे। बैठक के दौरान हुई वार्ता का वीडियो और पत्र भी संलग्न किया गया है।

 

बागबेड़ा जलापूर्ति योजना को लेकर विभागीय अधिकारियों के विरोधाभासी बयानों और अधूरे वादों से जनता में नाराजगी बढ़ रही है। विभाग द्वारा बार-बार नई तारीखें देने और फंड की स्थिति को लेकर स्पष्ट जानकारी न देने से यह मामला और उलझता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि सांसद द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर केंद्र सरकार क्या कदम उठाती है और क्या वास्तव में जलापूर्ति योजना समय पर पूरी होगी या नहीं।

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