नोवामुंडी कॉलेज में ‘विश्व जल दिवस’ मना

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।नोवामुंडी कॉलेज में 23 मार्च को ‘विश्व जल दिवस’ के अवसर पर जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कई महत्वपूर्ण उपायों को रेखांकित किया गया। कॉलेज परिसर में जल संरक्षण के लिए एक तालाब का निर्माण किया गया है जो न केवल वर्षा जल को संचित करता है बल्कि आसपास के भूजल स्तर को भी बनाए रखने में सहायक है।
इसके अतिरिक्त वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से छतों से गिरने वाले वर्षा जल को संरक्षित करने की व्यवस्था की गई है। साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए कॉलेज कैंटीन और पेयजल स्थलों पर उपयोग के बाद नीचे गिरने वाले पानी को भी बर्बाद होने से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
इस जल को एकत्रित कर बगीचों और अन्य हरित क्षेत्रों की सिंचाई में उपयोग किया जाता है, जिससे जल का सदुपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।
कॉलेज परिसर में बने फुटबॉल मैदान के कार्पेट ग्रास की हरियाली बनाए रखने के लिए भी जल संरक्षण प्रणाली का उपयोग किया जाता है। गर्मी की दिनों में जब जल स्तर में कमी होती है तब इस संचित जल का उपयोग कर इस मैदान को हरा- भरा रखा जाता है। कुशल माली की देखरेख में यह कार्य सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोजित विश्वास ने इस अवसर पर कहा कि- “जल संरक्षण केवल एक आवश्यकता नहीं बल्कि हमारी जिम्मेदारी भी है। कॉलेज द्वारा अपनाई गई यह पहल न केवल जल संरक्षण को प्रोत्साहित नहीं करती है, बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्राचार्य ने याद दिलाते हुए कहा कि विभिन्न अवसरों पर कॉलेज के चेयरमैन श्री मधुकोड़ा व कॉलेज की अध्यक्ष श्रीमती गीता कोड़ा, पश्चिम सिंहभूम के कई उपायुक्त, कोल्हन विश्वविद्यालय की कुलपतियों एवं टाटा स्टील के प्रबंधक श्री अतुल भटनागर एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा समय-समय पर लगाए गए फलदायक पेड़ व औषधि उद्यान गर्मी के दिनों इन्हीं संचित जल स्रोतों से पोषित होकर फल दे रहे हैं। यह जल संरक्षण प्रयासों की सार्थकता को दर्शाता है।
इसके साथ ही कॉलेज में जल जमाव वाले क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की सब्जियां और फूल पौधे उगाने उगाए गए जिसमें सिंचित का सदुपयोग किया जा रहा है और छात्रों को जैविक खेती का व्यावहारिक अनुभव भी मिल रहा है। विश्व जल दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों ने जल संरक्षण की शपथ ली और अपने दैनिक जीवन में जल बचाने के लिए संकल्प को दोहराया।