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पोटका में माझी बाबाओं का सम्मेलन: धर्म कोड और पेसा कानून की सख्ती से लागू करने की मांग

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड।पोटका प्रखंड कार्यालय में तीन जिलों के 68 गांवों के माझी बाबाओं का एकदिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि सह देश परगना धाड़ दिशोम बैजू मुर्मू ने झारखंड सरकार से धर्म कोड और पेसा कानून को सख्ती से लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर 1996 को पेसा कानून बना, लेकिन पूर्वी सिंहभूम सहित कई जिलों में इसे पूरी तरह लागू नहीं किया गया है, जो चिंता का विषय है।

बैजू मुर्मू ने झारखंड सरकार से यह भी मांग की कि केजी से लेकर पीजी तक की पढ़ाई ओलचिकी लिपि में कराई जाए, ताकि आदिवासी संस्कृति और भाषा का संरक्षण हो सके।

 

सम्मेलन में प्रमुख लोगों की उपस्थिति

 

सम्मेलन की अध्यक्षता महिला परगना पुनता मुर्मू ने की। यह सम्मेलन माझी परगना महाल की कालिकापुर तरफ परगना की ओर से आयोजित किया गया था। इसमें मुख्य अतिथि बैजू मुर्मू के अलावा, सम्मानित अतिथि हरि पदो मुर्मू (आसनवनी परगना), सुशील हांसदा (हल्दीपोखर परगना), दशमत हांसदा (जुगसलाई परगना), वीरेन टुडू (देश जायरेत),

कुमार चंद्र मार्डी (कालिकापुर परगना, सलाहकार), लेदेंम किस्कू (आसनवनी परगना), रघुनाथ मुर्मू (धीरोल पुड़सी माझी बाबा), दसमत मुर्मू (पाथर चाकड़ी पुड़सी माझी बाबा), गोविंदो हांसदा (गोबडागोडा पुड़सी माझी बाबा), गाजिया सोरेन (गौडशा पुड़सी माझी बाबा), अनिल मुर्मू (गोडेत), शिबू सोरेन, राम सिंह सोरेन और सुशांतो हेंब्रम समेत तीन जिलों के 68 गांवों के माझी बाबा उपस्थित थे।

सम्मेलन में आदिवासी समाज की मांगों और अधिकारों पर विस्तृत चर्चा की गई। माझी बाबाओं ने सरकार से आग्रह किया कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाए और जल्द से जल्द इन पर अमल किया जाए।

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