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सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में CBI ने दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट, किसी को नहीं ठहराया जिम्मेदार

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने चार साल बाद अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। यह रिपोर्ट मुंबई की अदालत में पेश की गई, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि सुशांत की आत्महत्या के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

 

CBI को नहीं मिले साजिश के सबूत

 

CBI ने अगस्त 2020 में इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान, सुशांत के पिता केके सिंह द्वारा अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार पर लगाए गए आरोपों की भी पड़ताल की गई। हालांकि, चार साल की जांच के बाद CBI ने निष्कर्ष निकाला कि सुशांत की आत्महत्या में किसी बाहरी व्यक्ति की साजिश या दबाव की भूमिका नहीं थी।

एम्स फॉरेंसिक टीम ने भी साजिश की संभावना से किया इनकार

 

इस केस में एम्स (AIIMS) की फॉरेंसिक टीम ने भी अपनी जांच रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें किसी तरह की हत्या या फाउल प्ले की संभावना से इनकार किया गया था। CBI ने इस रिपोर्ट को भी अपनी जांच में शामिल किया।

 

सोशल मीडिया चैट्स की अमेरिका में हुई जांच

 

CBI ने सुशांत के सोशल मीडिया चैट्स की जांच के लिए अमेरिका के फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की मदद ली। चैट्स को MLAT (Mutual Legal Assistance Treaty) के तहत अमेरिका भेजा गया, जहां यह पुष्टि हुई कि कोई छेड़छाड़ या गड़बड़ी नहीं की गई थी।

परिवार के पास प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल करने का विकल्प

 

CBI की इस क्लोजर रिपोर्ट के बाद, सुशांत के परिवार के पास यह विकल्प है कि वे मुंबई कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, अभी तक परिवार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

 

क्या था मामला?

 

14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत मुंबई के बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में पंखे से लटकते पाए गए थे। उनकी मौत को लेकर तमाम विवाद हुए, जिसमें रिया चक्रवर्ती, बॉलीवुड ड्रग्स नेक्सस और बड़े नामों की भूमिका पर सवाल उठे। परिजनों की मांग पर यह मामला CBI, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को सौंपा गया था।

 

रिया चक्रवर्ती को क्लीन चिट

 

CBI की रिपोर्ट के अनुसार, रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला। इससे पहले, रिया पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने और आर्थिक शोषण के आरोप लगे थे, लेकिन CBI को इस मामले में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि उन्होंने सुशांत को आत्महत्या के लिए मजबूर किया।

 

चार साल बाद मिला निष्कर्ष

 

CBI ने करीब चार साल तक इस केस की जांच की, जिसमें सुशांत के दोस्तों, परिवार, करीबी सहयोगियों और मेडिकल एक्सपर्ट्स के बयान दर्ज किए गए। जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि यह मामला आत्महत्या का था और इसमें किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता नहीं थी।

 

अब देखना होगा कि सुशांत का परिवार इस फैसले को स्वीकार करता है या कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दायर करता है।

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