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अवैध ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफार्मों पर सख्त कार्रवाई, 357 वेबसाइटें ब्लॉक, 2000 बैंक खाते फ्रीज

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने विदेशों से अवैध रूप से संचालित ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफार्मों पर सख्त कदम उठाते हुए 357 वेबसाइट और यूआरएल को ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा, करीब 700 अन्य गेमिंग प्लेटफार्मों की जांच जारी है।

ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों पर बढ़ी निगरानी

 

जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों पर शिकंजा कसते हुए जांच तेज कर दी है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, कई घरेलू और विदेशी ऑपरेटर बिना रजिस्ट्रेशन के काम कर रहे थे और टैक्स चोरी में लिप्त थे।

 

जीएसटी चोरी करने वाले प्लेटफार्मों पर कार्रवाई

 

DGGI ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69 के तहत इन अवैध ऑनलाइन मनी गेमिंग वेबसाइटों को ब्लॉक किया। सरकार ने बताया कि ये प्लेटफार्म भारत में बिना अनुमति के संचालित हो रहे थे और भारी मात्रा में जीएसटी चोरी कर रहे थे।

28% जीएसटी का प्रावधान

 

जीएसटी कानून के तहत, ऑनलाइन मनी गेमिंग को माल की आपूर्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिस पर 28% टैक्स लगाया जाता है। सरकार ने स्पष्ट किया कि इस क्षेत्र में काम करने वाले सभी ऑपरेटरों को जीएसटी के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

 

2000 बैंक खातों और करोड़ों रुपये की राशि फ्रीज

 

DGGI ने इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (i4C) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के सहयोग से इन अवैध प्लेटफार्मों से जुड़े बैंक खातों पर भी कार्रवाई की। इस अभियान में लगभग 2,000 बैंक खाते जब्त किए गए और 4 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए गए। इसके अलावा, 392 बैंक खातों को डेबिट फ्रीज कर 122.05 करोड़ रुपये की राशि अस्थायी रूप से जब्त की गई।

 

बॉलीवुड और क्रिकेटर्स के प्रमोशन पर भी सवाल

 

वित्त मंत्रालय ने बताया कि कई बॉलीवुड सितारे, क्रिकेटर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर इन अवैध गेमिंग प्लेटफार्मों का प्रचार करते हैं। सरकार ने जनता को चेतावनी दी है कि वे सतर्क रहें और ऐसे ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफार्मों से दूर रहें, क्योंकि यह उनके पैसे को खतरे में डाल सकता है।

 

सरकार की इस कड़ी कार्रवाई से अवैध ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों पर लगाम लगने की उम्मीद है, जिससे देश में डिजिटल गेमिंग क्षेत्र को अधिक पारदर्शिता और नियमों के तहत लाया जा सकेगा।

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