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जाति आधारित जनगणना से पहले प्रमाण पत्र निर्गत करे सरकार: डॉ. पवन पांडेय

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर में एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता डॉ. पवन पांडेय ने झारखंड में जाति आधारित जनगणना को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक झारखंड में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता, तब तक जाति आधारित जनगणना निराधार साबित होगी।

झारखंड सरकार का रुख

 

डॉ. पांडेय ने झारखंड विधानसभा में परिवहन एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरूआ के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार ने फरवरी 2023 में ही जाति आधारित जनगणना कराने का निर्णय ले लिया था। यह जवाब उन्होंने विधायक प्रदीप यादव द्वारा उठाए गए सवाल पर दिया था।

 

जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग

 

डॉ. पांडेय ने कहा कि झारखंड की जनता यह जानना चाहती है कि जब तक एससी, एसटी, ओबीसी समुदायों को जाति प्रमाण पत्र जारी ही नहीं किया जाता, तब तक वे अपनी जाति की गणना में कैसे शामिल होंगे? उन्होंने विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के मुस्लिम और सिख समाज की उन जातियों का जिक्र किया, जो एससी और ओबीसी वर्ग में आती हैं, लेकिन उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिल पाता।

सरकार से आग्रह

 

उन्होंने सरकार से जाति आधारित जनगणना से पहले सभी जातियों को प्रमाण पत्र जारी करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पहले प्रमाण पत्र निर्गत कर संबंधित समाज को न्याय दिलाया जाए और जब यह सुनिश्चित हो जाए कि सभी समुदायों को प्रमाण पत्र मिल चुका है, तभी जाति आधारित जनगणना कराई जाए।

 

समाज के हर वर्ग को मिले अधिकार

 

डॉ. पांडेय ने कहा कि सभी जातियों और समाज के लोगों को इस प्रक्रिया से जोड़ा जाना जरूरी है, ताकि जनगणना का उद्देश्य सफल हो सके और किसी भी समुदाय के साथ अन्याय न हो। उन्होंने सरकार से जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की।

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