मेघाहातुबुरू में सरना झंडोत्तोलन से शुरू हुआ मागे पर्व, पारंपरिक नृत्य-गान के साथ समापन

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:गुवा में आदिवासी कल्याण केन्द्र मेघाहातुबुरू के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी माघे पर्व का भव्य आयोजन किया गया। पर्व की शुरुआत सरना स्थल पर पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार सरना झंडोत्तोलन के साथ की गई। समारोह में आदिवासी समाज के लोग पूरे उत्साह व पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। पर्व के अवसर पर समुदाय के लोगों ने जैरा (देशाउली) पूजा स्थल पर एकत्र होकर पुजारी के नेतृत्व में विधिवत पूजा-अर्चना की।
ढोल, मांदर और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर समुदाय के लोग नाचते-गाते पूजा स्थल तक पहुँचे। पूजा में क्षेत्र को बीमारियों, अकाल, महामारी, कुपोषण, बुरी आत्माओं व छायाओं से मुक्ति दिलाने की कामना की गई। साथ ही आपसी रिश्तों में प्रेम, भाईचारा, शांति व खुशहाली की प्रार्थना की गई।
पूजा-अर्चना के बाद सभी लोग आयोजन स्थल पर एकत्र हुए और सामूहिक रूप से पारंपरिक नृत्य व नाच-गान के माध्यम से खुशी मनाई। महिलाओं, पुरुषों और युवाओं ने मिलकर संस्कृति की जीवंतता को प्रस्तुत किया।
माघे पर्व के एक दिन पूर्व आयोजित विभिन्न खेल-कूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं को इस दौरान सम्मानित किया गया। अतिथियों ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित कर उनके उत्साह को बढ़ाया। कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि शीघ्र ही दिउरियों का सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा तथा आगामी बाहा पर्व की तिथि की भी विधिवत घोषणा की जाएगी।
पर्व के इस आयोजन में बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों और गणमान्य लोगों ने भाग लिया। उपस्थित प्रमुख लोगों में रोयाराम चाम्पिया, बीरबल गुड़िया, जगन्नाथ चातर,
निर्मल पुरति, धनुर्जय लागुरी, सरगिया अंगारिया, दामू सोय, सेलाई हेस्सा, सदुराम चातर, आर. के. सिंकु, महेंद्र पुरती, कृष्णा बोयपाई, गूई लागुरी, बलबद्र बिरूली, पालो सोय आदि शामिल थे।