सिविल सर्जन कार्यालय में मानसिक रोगों पर कार्यशाला, विशेषज्ञों ने बताए कारण और समाधान

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:जमशेदपुर में जीवनशैली, खानपान और तनाव के कारण मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। झारखंड में 11.6% आबादी मानसिक रोग से ग्रसित है, जो राष्ट्रीय औसत 10.6% से अधिक है। यदि इस समस्या पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में आंकड़े और भी चौंकाने वाले हो सकते हैं। यह जानकारी मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक गिरी ने दी।
सिविल सर्जन कार्यालय में ‘कॉमन मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम डिस्ऑर्डर’ विषय पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) के पीएलवी, विभिन्न स्कूलों के शिक्षक एवं संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस दौरान डॉ. दीपक गिरी ने बताया कि तनाव और जीवनशैली में बदलाव मानसिक बीमारियों के प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के स्वभाव में अचानक बदलाव दिखे, तो विशेषज्ञ की सलाह और नियमित दवा के सेवन से उसे सामान्य जीवन में वापस लाया जा सकता है।
उन्होंने समझाया कि तनाव (Stress) कभी-कभी सकारात्मक सोच विकसित कर सकता है, लेकिन जब यह नकारात्मक सोच उत्पन्न करने लगे, तो सतर्क होने की जरूरत है। कार्यशाला में उपस्थित लोगों ने मानसिक तनाव, इसके कारण और निदान से जुड़े सवाल पूछे, जिनका डॉ. गिरी ने विस्तार से उत्तर दिया।
इस मौके पर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. स्मिता, पीएलवी सीमा देवी, जोबारानी बास्के, जयंत नंदी, सुनील पांडेय और अरुण रजक समेत कई लोग मौजूद रहे।