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झारखंड में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर गरजे चंपाई सोरेन, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

रांची: झारखंड में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्षी दलों का सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक चंपाई सोरेन ने आज एनडीए विधायकों के साथ विधानसभा गेट पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश की सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है।

 

कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमराई – चंपाई सोरेन

 

चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड में हत्या, लूट, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध और माओवादी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रही है।

 

चंपाई सोरेन ने कहा,

“झारखंड में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे सरेआम हत्या और लूट जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है और पुलिस प्रशासन भी निष्क्रिय नजर आ रहा है। प्रदेश की जनता इस अराजकता से त्रस्त हो चुकी है और अब भाजपा इस सरकार को बर्दाश्त नहीं करेगी।”

 

राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

 

प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं और विधायकों ने केंद्र सरकार से झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक वर्तमान सरकार सत्ता में रहेगी, अपराधियों को खुली छूट मिलती रहेगी और जनता का जीना मुश्किल होता रहेगा।

भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा,

“प्रदेश की निकम्मी सरकार को तुरंत हटाकर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए। जब तक झारखंड में एक सशक्त सरकार नहीं आएगी, तब तक कानून-व्यवस्था बहाल नहीं हो सकती। केंद्र सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और राज्य में तत्काल कड़ा प्रशासनिक कदम उठाना चाहिए।”

 

सदन से सड़क तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा

 

एनडीए विधायकों ने साफ कर दिया कि यदि प्रदेश सरकार अपराधों पर नियंत्रण नहीं कर पाई, तो उनका आंदोलन और तेज होगा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि वे सदन से सड़क तक इस मुद्दे को उठाएंगे।

 

भाजपा नेताओं ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे इस अराजकता के खिलाफ आवाज उठाएं और सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर करें।

 

सरकार की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

 

इस विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठने लगे हैं। अभी तक सरकार की ओर से कोई ठोस बयान नहीं आया है, जिससे जनता में नाराजगी और बढ़ रही है।

 

झारखंड की राजनीतिक स्थिति अब और अधिक गरमा गई है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विरोध प्रदर्शन और बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर क्या कदम उठाती है।

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