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बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी: ट्रांसफार्मर देरी से बदला तो मिलेगा हर्जाना

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड।जमशेदपुर में अगर आपके (शहरी) घर के पास का ट्रांसफार्मर खराब हो गया हो या जल गया हो और 12 घंटे के भीतर उसे ठीक नहीं किया गया या बदला न गया, तो आपको मुआवजा मिल सकता है? यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं और 24 घंटे के भीतर ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया, तो भी हर उपभोक्ता को 25-25 रुपये का हर्जाना मिलेगा। शर्त यह है कि उपभोक्ता सतर्क रहें और बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में दावा करें।

प्रत्यायुक्त समिति की बैठक में हुआ खुलासा

 

यह जानकारी 28 मार्च को विधानसभा प्रत्यायुक्त समिति की बैठक में सामने आई। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक और समिति के चेयरमैन सरयू राय ने बैठक में नियमों-प्रावधानों की समीक्षा की, जिसमें बताया गया कि झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (JSERC) के डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंसी स्टैंडर्ड्स ऑफ परफार्मेंस रेगुलेशन्स 2015 के तहत यह प्रावधान मौजूद है। नियम के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में 12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे में ट्रांसफार्मर न बदले जाने पर बिजली विभाग को प्रत्येक उपभोक्ता को 25 रुपये का मुआवजा देना होगा। उपभोक्ताओं को यह राशि प्राप्त करने के लिए अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में दावा करना अनिवार्य होगा।

2015 में लागू हुई थी नियमावली

 

सरयू राय ने बताया कि सरकार ने कई उपभोक्ता हितैषी प्रावधान बनाए हैं, लेकिन जागरूकता के अभाव में आम जनता को उनका लाभ नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभाते, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। 2015 में लागू हुई इस नियमावली के तहत ट्रांसफार्मर बदले जाने की समय सीमा निर्धारित की गई है।

 

कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन से कटेगा जुर्माना

 

यह नियम सरकारी और निजी बिजली आपूर्ति कंपनियों दोनों पर लागू होगा। यदि तय समय सीमा में ट्रांसफार्मर नहीं बदला या सुधारा गया, तो उपभोक्ताओं को 25-25 रुपये की भरपाई करनी होगी। यह राशि बिजली विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन से काटी जाएगी, ताकि वे अपने काम के प्रति जिम्मेदार बने रहें और समय पर सेवाएं प्रदान करें।

 

उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की अपील

 

सरयू राय ने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे इस नियम के प्रति जागरूक रहें और बिजली विभाग पर दबाव बनाएं ताकि शहरी क्षेत्रों में 12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे के भीतर ट्रांसफार्मर बदले जाएं या सुधारे जाएं। इससे बिजली उपभोक्ताओं को होने वाली असुविधा से राहत मिलेगी और विभाग के अधिकारी-कर्मचारी समयबद्ध तरीके से कार्य करेंगे।

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