चाईबासा और चक्रधरपुर न्यायालयों में लोक अदालत का आयोजन: 212 मामलों का सफल निष्पादन, ₹ 16,12,100/- का समायोजन*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:चाईबासा में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मौहम्मद शाकिर के मार्गदर्शन में पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा और चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालयों में मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस आयोजन में कुल 212 मामलों का सफल निष्पादन हुआ और ₹ 16,12,100/- की राशि का समायोजन किया गया।
लोक अदालत का आयोजन चाईबासा सिविल कोर्ट परिसर और चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में किया गया। इस दौरान 12 न्यायपीठों का गठन किया गया था, जिनमें न्यायिक अधिकारी एवं पैनल अधिवक्ता ने मामलों की सुनवाई की। प्रत्येक पीठ ने अपने-अपने क्षेत्र में सुलह समझौते के माध्यम से विवादों का समाधान किया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देशानुसार हर महीने लोक अदालत का आयोजन किया जाता है, जहां लोग अपने सुलहनीय मामलों का समाधान मध्यस्थता के द्वारा कर सकते हैं।
इस आयोजन के दौरान, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मौहम्मद शाकिर की अध्यक्षता में रैफरल जजों (न्यायिक पदाधिकारियों) की एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य न्यायालयों में मध्यस्थता प्रक्रिया को सुलभ और सहज बनाना था, ताकि मामलों का शीघ्र निष्पादन हो सके।
आज के लोक अदालत में प्रमुख न्यायिक पदाधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। इनमें चाईबासा में न्यायिक अधिकारी योगेश्वर मणि (प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय), संतोष आनंद प्रसाद (जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय), तरुण कुमार (जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय), विनोद कुमार (मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी), राजीव कुमार (सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार), एंजिलिना नीलम मड़की (न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी), सुप्रिया रानी तिग्गा (निबंधक सह अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, सदर), पूजा पांडेय (न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी), मंजीत कुमार साहू (रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी) और चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में अजय कुमार सिंह (जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम), कृष्णा लोहरा (अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी), तथा अंकित कुमार सिंह (अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी) ने भाग लिया।
इस सफल आयोजन के माध्यम से जनता को न्याय सुलभ बनाने में एक और कदम बढ़ाया गया है। प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से लोक अदालतों के माध्यम से आम लोगों को न्याय प्राप्त करने का अवसर मिलता है, और यह प्रणाली न्यायालयों पर बढ़ते मामलों का दबाव भी कम करने में सहायक होती है।