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झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार बसंत कुमार मित्तल का चाईबासा दौरा, समाज के उत्थान के लिए किए गए कई अहम ऐलान* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड।चाईबासा में झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार, बसंत कुमार मित्तल, अपने सहयोगियों के साथ पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा पहुंचे। इस दौरान सम्मेलन की एक महत्वपूर्ण बैठक स्थानीय रूंगटा मैरिज हाउस में आयोजित की गई, जिसमें कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक की शुरुआत सुबह 11:30 बजे हुई और इसमें सम्मेलन के विभिन्न पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे। मंच पर बसंत मित्तल के साथ कार्यालय मंत्री श्याम सुंदर शर्मा, परामर्शदात्री सदस्य सांवरमल अग्रवाल, जिला अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल, जिला मंत्री कमल लाठ, नगर उपाध्यक्ष गौरीशंकर चिरानिया समेत कई अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

अपने चुनावी संबोधन में बसंत मित्तल ने सम्मेलन के दो वर्षों के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए बताया कि पूरे देशभर में 3000 आजीवन सदस्य बने हैं, जबकि सिर्फ झारखंड में ही 1522 आजीवन सदस्य बनाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनके कार्यकाल में हर जिले और शाखा में चुनाव कराए गए और झारखंड के छह प्रमंडलों में प्रांतीय अधिवेशन और कार्यकारिणी समिति की बैठकें भी आयोजित की गईं।

 

बैठक के दौरान उपस्थित सदस्य अनूप जोशी द्वारा ट्रस्ट के नाम के गठन को लेकर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए मित्तल ने बताया कि झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन ट्रस्ट के नाम से ट्रस्ट का गठन करने के लिए झारखंड सरकार को आवेदन दिया गया था। हालांकि, झारखंड सरकार ने अपने पत्रांक 221/निं. दिनांक 26/06/2023 के माध्यम से स्पष्ट किया कि किसी ट्रस्ट का नाम केंद्र या राज्य सरकार के नाम के साथ नहीं रखा जा सकता। इसके बाद ट्रस्ट का नाम ‘प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन ट्रस्ट’ रखा गया।

सदस्य सुनित खीरवाल के द्वारा 20% सदस्य उपस्थिति के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में मित्तल ने कहा कि अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन की अखिल भारतीय समिति के तहत झारखंड में प्रांतीय समिति का विधिवत गठन किया गया है। भविष्य में 20% या उससे अधिक सदस्य आमसभा में भाग ले सकते हैं।

 

सदस्य जयप्रकाश मूंदड़ा द्वारा पूछे गए प्रश्न, जिसमें राजनीति में समाज की उपस्थिति दर्ज कराने के विषय में बात की गई, मित्तल ने इस पर स्पष्ट किया कि समाज को एकजुट होकर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी और इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।

 

इसके अलावा, मित्तल ने शिक्षा ट्रस्ट के गठन के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि यह ट्रस्ट समाज के आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस ट्रस्ट का गठन जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा।

 

बसंत मित्तल ने अंत में उपस्थित सभी सदस्यों को यह जानकारी दी कि सम्मेलन के संविधान के तहत नामांकन प्रपत्र कोलम 4 और 5 के अनुसार किसी उम्मीदवार और प्रस्तावक का संस्थागत बकाया नहीं होना चाहिए। यदि किसी का बकाया है तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा। इस संदर्भ में उन्होंने मुख्य चुनाव पदाधिकारी विनय सरावगी को एक शिकायत पत्र भी दिया है, जिसमें सुरेश चंद्र अग्रवाल और रांची जिला मारवाड़ी सम्मेलन के बकाए का उल्लेख किया गया है।

 

बैठक के दौरान मित्तल ने यह भी बताया कि दूसरे अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के एक प्रस्तावक का नाम केंद्र और प्रांत द्वारा जारी सदस्यता सूची में शामिल नहीं है। इस मामले में जल्द ही मुख्य चुनाव पदाधिकारी को लिखित शिकायत दी जाएगी।

 

बैठक के अंत में, मित्तल ने सभी सदस्यों से 13 अप्रैल को होने वाले चुनाव में अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की।

 

इस दौरे के दौरान, मित्तल ने अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रतिष्ठित उद्योगपति नंदलाल रुंगटा से उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात में मित्तल ने अपना पक्ष रखा और उनके समर्थन की अपील की। नंदलाल रुंगटा ने मित्तल को शुभकामनाएं दीं और अपेक्षित सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।

 

बैठक में प्रमुख रूप से शंभू गोयल, दिलीप शर्मा, पवन खिरवाल, ललित शर्मा, सुशील चौमाल, बजरंग लाल चिरानिया, रमेश चौमाल, पवन बंसल, नारायण पाडिया, रघुनंदन पिरोजीवाला, सतीश करनानी, निरंजन गोयल, संजय गर्ग, धीरज अग्रवाल सहित अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

 

यह बैठक न केवल समाज के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर बनी, बल्कि झारखंड के मारवाड़ी समाज के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने का भी संकेत दिया।

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