Regional

शारदा संगीतालय द्वारा तृतीय कला उत्सव में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन – बच्चों में कला के प्रति अभिरुचि को प्रोत्साहन* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: चाईबासा में शारदा संगीतालय के तत्वाधान में आयोजित तृतीय कला उत्सव के अंतर्गत चित्रकला प्रतियोगिता एक यादगार आयोजन बनकर उभरी। यह प्रतियोगिता बच्चों को कला की दुनिया से परिचित कराते हुए उनकी रचनात्मकता को निखारने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है। शारदा संगीतालय के निदेशक मानस राय के नेतृत्व में इस प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया, जिसमें शारदा संगीतालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

निदेशक मानस राय ने सभी बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए प्रतियोगिता का उद्घाटन किया और अपने स्वागत भाषण में कहा कि “पश्चिमी सिंहभूम जिले के बच्चों में कला के प्रति अभिरुचि पैदा करना ही शारदा संगीतालय का मुख्य उद्देश्य है। हम समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करते रहते हैं,

ताकि बच्चों में कला और सांस्कृतिक चेतना का विकास हो सके।” उन्होंने यह भी कहा कि शारदा संगीतालय भविष्य में भी इस तरह के प्रतियोगिताओं का आयोजन करता रहेगा, जिससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़े और वे अपनी रचनात्मकता को निखार सकें।

इस चित्रकला प्रतियोगिता को चार विभिन्न वर्गों में आयोजित किया गया था। प्रथम वर्ग में एलकेजी से कक्षा एक तक के बच्चों के लिए “रंग भरो” विषय रखा गया था। द्वितीय वर्ग (कक्षा 2 से कक्षा 4) में “फूजी माउंट अथवा ट्यूलिप गार्डन” का विषय था, तृतीय वर्ग (कक्षा 5 से कक्षा 7) में “कथकली फेस अथवा हिस्टोरिकल प्लेस” विषय दिया गया, और चतुर्थ वर्ग (कक्षा 8 से कक्षा 10) में “महाकुंभ सीनरी अथवा अफ्रीकन ट्राइबल आर्ट” जैसे गहन और विविधतापूर्ण विषय दिए गए थे।

इस प्रतियोगिता में चाईबासा और आस-पास के क्षेत्रों के लगभग 250 से 300 बच्चों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा, प्रत्येक वर्ग से प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चों को आगामी वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम में विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।

 

कार्यक्रम में शारदा संगीतालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं, जिनमें सौरवी दत्ता, स्निग्धा दे, विवेक सिन्हा, दीपेश गोप, नेहा बोस, रूपा आचार्जी, श्रावणी मुखर्जी जैसे शिक्षक उपस्थित थे, ने प्रतियोगिता को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। संस्था के सभी सदस्य और शिक्षक इस कार्यक्रम की सफलता में सहायक बने और बच्चों की कला को प्रोत्साहन देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।

यह चित्रकला प्रतियोगिता न केवल बच्चों की कला के प्रति रुचि को प्रोत्साहित करने में सफल रही, बल्कि बच्चों को अपनी कला को अभिव्यक्त करने के लिए एक मंच भी प्रदान किया। शारदा संगीतालय का यह प्रयास निस्संदेह पश्चिमी सिंहभूम जिले में कला और संस्कृति के क्षेत्र में नई उम्मीदों और अवसरों का निर्माण करेगा।

Related Posts