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सरहुल शोभा यात्रा के रजत जयंती के पूर्व संध्या पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:चाईबासा में आदिवासी उरांव समाज सरहुल पूजा समिति चाईबासा के द्वारा आयोजित सरहुल शोभा यात्रा के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर गोकुलधाम, सेन टोला में एक भव्य रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन सरहुल पूर्व संध्या के अवसर पर हुआ, जिसमें क्षेत्रीय एवं रांची से आए मशहूर कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीता। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रांची के नागपुरी कलाकारों की टीम रही, जिन्होंने अपने बेहतरीन कला प्रदर्शन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

झारखंड के युवा कलाकारों की टोली, जिसमें युवा दिलों के धड़कन नितेश कच्छप और सुमन गुप्ता शामिल थे, ने अपनी कला का जलवा बिखेरा। उनके साथ क्षेत्रीय कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति दी, जिससे कार्यक्रम और भी जीवंत और दिलचस्प हो गया।

कार्यक्रम के शुभारंभ में मुख्य अतिथि के रूप में सदर अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो, विशिष्ट अतिथि के रूप में सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बहामन टुटी, वनक्षेत्र पदाधिकारी शंकर भगत, सदर थाना प्रभारी तरूण कुमार, और मुफ्फसिल थाना प्रभारी रंजीत उरांव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

इस मौके पर एसडीओ संदीप अनुराग टोपनो ने अपने संबोधन में सभी उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दी और समाज एवं प्रत्येक व्यक्ति की सुख-समृद्धि के लिए कामना की। उन्होंने आयोजन समिति से अनुरोध किया कि सरहुल शोभायात्रा को शांतिपूर्ण और अच्छे माहौल में मनाया जाए ताकि यह पर्व सभी के लिए खुशी और सौहार्द का प्रतीक बने।

 

रांची से आए कलाकारों ने अपने द्वारा प्रस्तुत नागपुरी गीतों से श्रोताओं को देर रात तक झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय कलाकारों का भी सक्रिय योगदान रहा, जिनमें संचू तिर्की, अनिल लकड़ा, सहदेव किस्पोट्टा, बाबूलाल बरहा, दुर्गा कुजूर, नवल कच्छप, लालू कुजूर, गणेश कच्छप, राजकमल लकड़ा, जीतू तिर्की, पंकज खलखो, शंभू टोप्पो, राजू तिग्गा, मंगल खलखो, संजय कच्छप, अमित खलखो, रोहित खलखो, ईशु टोप्पो, विष्णु मिंज, कृष्णा टोप्पो, कारी तिर्की, महावीर बरहा, सुखलाल कुजूर, राजेश मिंज, यदुनाथ बरहा, बाबूलाल कुजूर, बंधन खलखो, ईश्वर कच्छप, सावन खलखो, गोविंद लकड़ा, लक्ष्मी कच्छप, निर्मला लकड़ा, विजयलक्ष्मी लकड़ा, लक्ष्मी बरहा, मालती लकड़ा, ननकी लकड़ा, किरण नुनिया, सावित्री कच्छप, लक्ष्मी खलखो, खुदिया कुजूर, सीताराम मुंडा, चमरू लकड़ा, बंटी खलखो, सुमित बरहा, विक्रम खलखो, टिंकू कच्छप, सौरव मिंज, शानू कच्छप, सुभाष कच्छप और वैभव कच्छप सहित अन्य कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम को और भी खास बना दिया।

यह कार्यक्रम न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि यह समाज के विविधताओं को एक साथ लाकर एकता, भाईचारे और सौहार्द का संदेश भी दे रहा था। इस प्रकार के आयोजन न सिर्फ झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं, बल्कि यह जनमानस में भी सामाजिक समरसता और आपसी सहयोग की भावना को मजबूत करते हैं।

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