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बैसाखी वाले दिन गुरु महाराज और संगत की आज्ञा के बाद शुरू की जाएगी चुनावी प्रक्रिया; आरोप लगाने वाले पहले अपनी गिरेबान में झांकें: निशान सिंह*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर में पिछले कुछ दिनों से आधारहीन आरोपों को लेकर विरोधियों के निशाने पर रहे साकची गुरुद्वारा के प्रधान निशान सिंह आखिरकार विरोधियों को खुलकर जवाब देने के लिए सामने आये है। सोमवार को निशान सिंह ने संगत की बड़ी संख्या में उपस्थिति के बीच प्रेस वार्ता कर हर मुद्दे की परत दर परत खोली।

सोमवार को साकची गुरुद्वारा के लंगर हॉल में प्रेस वार्ता कर सरदार निशान सिंह ने संगत की बड़ी संख्या के बीच अपनी टीम के साथ अपना पक्ष रखते हुए विरोधियों को निहित स्वार्थ साधने वाला बताया। उन्होंने विरोधियों के हर सवाल का सटीकता से जवाब देते हुए कहा कि जोगिन्दर सिंह जोगी ने सोलर पैनल मामले पर सरकारी सब्सिडी पर जोर जोर से दुष्प्रचार किया और इस मामले पर झूठा पड़ जाने की अवस्था में अब सोलर पैनल में घोटाले का झूठा आरोप लगा रहे हैं जबकि वे इस मामले को भली भांति जानते हैं।

निशान सिंह ने कहा जोगिन्दर सिंह जोगी तीन दिनों के भीतर उनपर लगाये गए आरोपों को साक्ष्य के साथ साबित करे अन्यथा वे उनपर मानहानि का मुक़दमा दायर करेंगे।

सोलर पैनल: जहां तक सब्सिडी का सवाल है, कहीं भी पता किया जा सकता है, कमर्शियल (व्यावसायिक) कनेक्शन पर सब्सिडी नहीं मिलती। इसकी जानकारी आरोप लगाने वालों को भी भलीभांति है। निशान सिंह ने बताया कि, चूंकि गुरुद्वारा साहिब का कनेक्शन डोमेस्टिक (घरेलु) नहीं बल्कि कमर्शियल (व्यवसायिक) दायरे में आता है।

इसलिए इस पर सब्सिडी नहीं मिल सकती। सरदार निशान सिंह ने आरोप लगाने वालों को निशाने पर लेते हुए कहा कि कमर्शियल कनेक्शन पर सब्सिडी उपलब्ध नहीं होती। आरोप लगाने से पहले जानकारी हासिल कर लेना चाहिए। क्योंकि गुरु घर राजनीति करने की जगह नहीं है। प्रधान सरदार निशान सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष के लिए एक विरोधी दल होना चाहिए। लेकिन विरोध करने वाले को सत्ता पक्ष के उपर आरोप लगाने से पहले अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिए। ताकि बाद में उनकी किरकिरी ना हो।

सरदार निशान सिंह ने तीखे शब्दों में कहा की वे चुनाव से नहीं भाग रहे हैं, पहले वे सर्वसम्मति के पक्षधर थे लेकिन अब वे बैलेट चुनाव में जरुर जायेंगे। उन्होंने कहा जोगिन्दर सिंह जोगी ने अपने आप को स्वयंभू किंग मेकर घोषित कर रखा है और जोगिन्दर सिंह जोगी अपने पिता महेन्दर सिंह और हरदयाल सिंह को चुनाव तो जीता नहीं सके। निशान सिंह ने कहा पिछले चुनाव में जोगी गुरदेव सिंह राजा के विरुद्ध उनका (निशान सिंह) का समर्थन कर रहा था। वे खुद क्यों नहीं चुनाव लड़ लेते हैं। साकची गुरुद्वारा संविधान का हवाला देते हुए निशान सिंह ने कहा कि संविधान के अनुछेद 10/5 में साफ़ साफ़ लिखा है कि कमिटी का कार्यकाल समाप्त होने के 40 दिन पूर्व जनरल बॉडी मीटिंग बुलाकर चुनाव संबंधी घोषणा करनी होती है। ऐसा नहीं होने पर ट्रस्टी गण के पास चुनाव घोषणा करने का अधिकार होता है।

अपने कार्यकाल अवधि के बारे में निशान सिंह ने कहा कि सविधान अनुसार कमिटी का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है उस लिहाज से निशान सिंह कमिटी का कार्यकाल 12 जून को समाप्त हो रहा है। बैसाखी वाले दिन वे संगत के सम्मुख अपने कार्यकाल का लेखा जोखा और आय व्यय का ब्यौरा साझा करेंगे तथा सगत और गुरु महाराज की आज्ञा लेकर कमिटी भंग कर सांविधानिक रूप से चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेंगे। वोटर लिस्ट बनाने की भी प्रक्रिया शुरू की जाएगी जिसमे 20 दिन का समय दिया जायेगा।

निशान सिंह ने हरविंदर सिंह मंटू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी कमिटी की गुरु घर को उलटे लाखों की देनदारी है जिसे वे जल्द से जल्द गुरुद्वारा साहिब में जमा करवाएं। निशान सिंह ने सवाल किया कि चुनाव हारने के बाद नकद जमा नहीं कर सकते तो फिर लाखों रूपए को गुरु घर के थे, वह कैसे जमा कराये गए और वह पहले किसके पास थे?

सरदार निशान सिंह ने कहा वे विरोधियों के आरोप का खंडन करते है और साक्ष्य से साथ साबित भी करते हैं। उन्होने हरविंदर सिंह मंटू पर भी गलतबयानी का आरोप लगाते हुए कहा कि मंटू स्कूल के बारे में सरासर बयान देकर संगत को गुमराह कर रहे हैं। जबकि उनकी कमिटी 01-05-2019 से 30-04-2022 तक मॉर्डन इंग्लिश स्कूल को लीज पर दे चुकी थी। गुरुद्वारा कमिटी के सविधान के मुताबिक गुरु घर की कोई भी सम्पति लीज पर नहीं दी जा सकती है। हरविंदर सिंह मंटू की कमिटी ने पिछले आठ वर्षो से स्कूल में कोई भी विकास का कार्य नहीं किया लेकिन स्कूल को लीज पर देने की चर्चा उन्होंने जरुर की, किस मकसद से उन्होंने स्कूल लीज पर दिया। इसका जवाब संगत को दे। निशान सिंह ने कहा हरविंदर सिंह मंटू को आखिर क्या मोह है जो आठ वर्ष कमिटी में रहने के बावजूद फिर प्रधान बनना चाहते है।

स्कूलों में हुई बहाली पर बोलते हुए निशान सिंह ने कहा कि, शिक्षकों की बहाली पूरी तरह पारदर्शी तरीके से प्रकिया को पूरी करते हुए की गयी है और योग्य प्रतिभागियों को सरकारी प्रक्रिया के तहत ही बहाल किया गया है।

निशान सिंह ने कहा, वे सर्वप्रथम जोगिंदर सिंह जोगी से उनसे पूछना चाहता हूं कि उनके दावे के अनुसार उन्होंने बहुत से लोगों को प्रधान बनाया है, उनसे आपकी नहीं बनी तो आप हमारे साथ आ गए क्योंकि जोगी को राजनीति भाती है सेवा नहीं क्योंकि सभी जानते हैं कि उनका जो कार्यालय में हर 6 महीने और साल बाद किसी न किसी पार्टी का बोर्ड वहां बदलता रहता है। क्योंकि वे चाहते है जो भी नेता हो वह इनके हाथ की कठपुतली होना चाहिए। ठीक इसी प्रकार गुरुद्वारा साहिब में भी ये यही परंपरा स्थापित करना चाहते हैं कि जिसे भी मुख्य सेवादार बनने की सेवा मिले वो इनके अधीन कार्य करें वो अपनी मर्जी से कोई फैसला नहीं ले सकता। साकची गुरुद्वारा साहिब के अधीन मैदान में जोगिन्दर सिंह जोगी टेंट का कारोबार करना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने तीन सदस्यों अपने साथ मिलाना चाहते थे लेकिन उन तीनों ने इंकार कर दिया। इस स्वार्थी रवैय्ये को कमिटी ने समर्थन नहीं किया था।

सबसे ज्यादा बात तो तब बिगड़ी जब सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन चलने वाली कैंटीन में वे अपना वर्चस्व चाहते थे परन्तु इन्हें कैंटीन नहीं मिली तो इन्होंने मुझसे कहा कि साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी इसका विरोध करें। हमने निहित स्वार्थ को दर किनार कर सीजीपीसी का विरोध नहीं किया, क्योंकि वह सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सभी सदस्यों का सर्वसम्मत निर्णय था कि कैंटीन का संचालन सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी स्वयं करेगी। इस निर्णय का साकची कमिटी ने भी समर्थन किया था, बस इस बात को लेकर कहीं ना कहीं ये अंदरूनी तौर पर हमारे विरोधी होते चले गए और लोगों को भड़काकर हमारे खिलाफ करने का प्रयास करने लगे।

परंतु हमारे सभी टीम के सदस्यों ने जी जान लगाकर गुरु घर की सेवा की जिसका आज परिणाम है की संगत के बीच में जो गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी साकची की छवि है वह बिल्कुल साफ सुथरी और बे दाग है और संगत के लिए किए गए कार्यों की चंहुओर प्रशंसा हो रही है। जिसे जोगिंदर सिंह जोगी पचा नहीं पा रहे हैं और अनाप शनाप बयान बाजी कर रहे हैं।

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