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सारंडा के किसानों को सीएसआर योजना से मिला कृषि समर्थन

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड। मेघाहातुबुरु खदान प्रबंधन ने अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) योजना के तहत सारंडा के पांच गांव—कुमडीह, होंजोरदिरी, बराईबुरु, टाटीबा और रोगड़ा—के किसानों को खेती के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान किए। इस पहल का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना है।

इस कार्यक्रम का नेतृत्व मेघाहातुबुरु खदान के सीजीएम आर. पी. सेलबम ने किया, जिसमें 20 किसानों को विभिन्न प्रकार की साग-सब्जियों के बीज और खेती के औजार वितरित किए गए। यह योजना किसानों की आजीविका को सशक्त बनाने और स्थानीय स्तर पर सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है।

कृषि को प्रोत्साहन और आधुनिक तकनीक की जानकारी

 

कार्यक्रम के दौरान किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई, जिससे वे अधिक उपज प्राप्त कर सकें। इसके तहत बीज, उर्वरक और खेती में उपयोग होने वाले आधुनिक औजार वितरित किए गए। यह पहल न केवल किसानों को संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और खेती को अधिक प्रभावी व लाभदायक बनाने का भी लक्ष्य रखती है।

 

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

 

सीएसआर योजना के तहत किए जा रहे इस प्रकार के प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। कृषि क्षेत्र में नवाचार और संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाने से किसानों की स्थिति मजबूत होगी और वे बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर होंगे।

 

वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी

 

इस कार्यक्रम में सेल मेघाहातुबुरु खदान प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिनमें महाप्रबंधक एस. के. सिंह, महाप्रबंधक मनीष राय, महाप्रबंधक के. बी. थापा, कुँवर वीरेंद्र बहादुर और मृत्युंजय कुमार दि अधिकारी शामिल थे। उन्होंने किसानों को इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने और अपनी खेती को उन्नत बनाने के लिए प्रेरित किया।

 

सेल द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के प्रयासों से न केवल किसानों को सहायता मिल रही है, बल्कि यह क्षेत्रीय कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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