चक्रधरपुर क्षेत्र में ग्रामीण शिक्षा में सुधार के लिए टाटा स्टील फाउंडेशन की पहल, तीन डिजिटल पुस्तकालयों को कंप्यूटर सेट और प्रिंटर प्रदान

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:चक्रधरपुर में आज टाटा स्टील फाउंडेशन, जमशेदपुर ने झारखंड के चक्रधरपुर क्षेत्र के तीन प्रमुख डिजिटल पुस्तकालयों को एक-एक कंप्यूटर सेट और प्रिंटर प्रदान किए। यह उपहार इन पुस्तकालयों के संचालन और विद्यार्थियों की शिक्षा में सहायक साबित होगा।
इन पुस्तकालयों में पंखराज कार्तिक उरांव डिजिटल पुस्तकालय, सिदो-कान्हू मुर्मू आदिवासी पुस्तकालय और धरती आबा बिरसा मुंडा डिजिटल पुस्तकालय सह अध्ययन केंद्र शामिल हैं। इन पहलुओं के माध्यम से इन पुस्तकालयों ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव दिखाए हैं।
इन तीनों पुस्तकालयों में प्रत्येक को कंप्यूटर सेट और प्रिंटर मिलेंगे, जिससे इनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक संसाधन मिलेंगे। यह डिजिटल पुस्तकालय छात्रों के लिए ज्ञान और जानकारी के द्वार खोलेंगे, और उन्हें आधुनिक तकनीक से लाभान्वित करेंगे।
समारोह में टाटा स्टील फाउंडेशन के ट्राइबल आइडेंटिटी हेड ज़िरेन जेवियर टोपनो, ट्राइबल आइडेंटिटी मैनेजर शिव शंकर कांडयांग और झारखंड के प्रसिद्ध “लाइब्रेरीमेन” संजय कच्छप भी उपस्थित थे। इस आयोजन में चक्रधरपुर के सभी सात पुस्तकालयों से 100 से अधिक छात्र-छात्राओं और ग्रामीण अभिवावकों ने हिस्सा लिया।
इस पहल से इन डिजिटल पुस्तकालयों में शिक्षा का स्तर बेहतर होगा। हाल ही में, टाटा स्टील फाउंडेशन ने खरसावां स्थित “बाबा कार्तिक उरांव डिजिटल पुस्तकालय सह अध्ययन केंद्र” और “ग्रामीण पुस्तकालय सह अध्ययन केंद्र, रोलाडीह, कोकचो तांतनगर” को भी कंप्यूटर सेट और प्रिंटर प्रदान किए थे।
इन प्रयासों से ग्रामीण छात्रों के लिए नई संभावनाएं खुल रही हैं। अब तक इन पुस्तकालयों से दो दर्जन से ज्यादा बच्चों का चयन विभिन्न सरकारी विभागों में हुआ है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आया है। इसके अलावा, ड्रॉपआउट दर में कमी आई है, और ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।
इन पहलुओं से पलायन की समस्या में भी कमी आई है और नशे की लत में गिरावट देखी गई है। इन विकासात्मक कदमों से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार हो रहा है और छात्रों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
इस दौरान, सभी नियमित पुस्तकालय आने वाले विद्यार्थियों को कॉपी, पेन, पेंसिल, इरेजर, सॉफ्टनर जैसी पाठ्य सामग्री भी वितरित की गई, जिससे उनकी पढ़ाई में सहूलियत हो सके। टाटा स्टील फाउंडेशन की यह पहल न केवल तकनीकी उन्नति की ओर एक कदम है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के उत्थान का एक मजबूत आधार भी प्रदान कर रही है।