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इंस्पेक्टर संजय की पहल: नई तकनीक से पुलिस जांच में क्रांतिकारी बदलाव,अब जल्द अपराधी जांच से पड़े जायेंगे

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर सीसीआर थाना प्रभारी संजय कुमार अपने प्रयासों से शहर की सुरक्षा व्यवस्था और अपराध जांच में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने अपराधियों की पहचान को तेज़ और सटीक बनाने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) को अपनाने की पहल की है। यह प्रणाली अपराधियों को पकड़ने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाएगी और पुलिस की कार्यक्षमता को बढ़ाएगी।

फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम: अपराध जांच में क्रांति

 

इस सिस्टम के तहत, अपराधियों के फोटो का एक डेटा बैंक तैयार किया जाएगा। जब कोई संदिग्ध व्यक्ति सीसीटीवी कैमरे में कैद होगा, तो सॉफ्टवेयर उस तस्वीर को डेटा बैंक से मिलान करेगा। इस तकनीक से पुलिस अपराधियों की पहचान तेज़ी से कर सकेगी और मामलों को सुलझाने में सहायता मिलेगी। वर्तमान में, पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन इस सॉफ्टवेयर के अभाव में अपराधियों की सटीक पहचान कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है।

 

इंस्पेक्टर संजय: संघर्ष और सफलता की कहानी

 

“जहां चाह होती है, वहां राह भी खुद-ब-खुद बन जाती है।” इस कथन को सच कर दिखाया है जमशेदपुर पुलिस के इंस्पेक्टर संजय कुमार ने। तमाम चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से वह मुकाम हासिल किया, जिसका उन्होंने हमेशा सपना देखा था।

लेकिन यह सफर सिर्फ संजय कुमार का नहीं है। यह उनकी पत्नी के परिश्रम और त्याग की भी कहानी है। यह उनके पिता के संघर्ष की भी दास्तान है, जिन्होंने अपने ज़ख्मों को छुपाकर, कई रातें भूखे रहकर भी अपने बेटे को थाना प्रभारी बनने का सपना पूरा करने में मदद की।

 

इंस्पेक्टर संजय को हाल ही में चर्चित अपराधी मुख्तार अंसारी के शूटर की जांच का ज़िम्मा सौंपा गया है। यह जिम्मेदारी उनके अनुभव और कर्तव्यनिष्ठा का प्रमाण है। उनके इस मिशन पर पूरे शहर की नज़रें टिकी हैं।

 

इंस्पेक्टर संजय कुमार न केवल एक पुलिस अधिकारी के रूप में बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में भी उभरकर सामने आए हैं। उनका जीवन संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बनेगा।

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