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अयोध्या में रामनवमी का भव्य उत्सव: रामलला के सूर्य तिलक और प्राकट्य से गूंज उठा राममंदिर

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

अयोध्या:पवित्र नगरी अयोध्या में रामनवमी के शुभ अवसर पर अद्भुत उल्लास और आस्था का वातावरण देखने को मिला। लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंचे, जहां राम मंदिर में विशेष अनुष्ठानों और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

राम जन्मोत्सव की शुरुआत मंदिर में भोर के समय मंगला आरती से हुई, जिसके पश्चात भक्तों की भीड़ दर्शन हेतु उमड़ पड़ी। इस अवसर पर भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के साथ सूर्य तिलक अनुष्ठान भी संपन्न हुआ, जिसमें भगवान श्रीराम को सूर्य की किरणों से तिलक किया गया।

 

रामलला का अभिषेक और श्रृंगार

 

सुबह 9:30 बजे से भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के विशेष अनुष्ठान प्रारंभ हुए। इस शुभ अवसर पर रामलला का अभिषेक संपन्न हुआ, जिसके बाद एक घंटे तक भगवान श्रीराम का विशेष श्रृंगार किया गया। ठीक दोपहर 12 बजे, जब भगवान राम का प्राकट्य हुआ, तो समूचा मंदिर परिसर भक्तों के जयकारों, घंटा-घड़ियालों और नगाड़ों की ध्वनि से गूंज उठा। रामलला को इस अवसर पर विशेष रूप से सोने के धागों से पिरोए हुए पीत वस्त्र और दिव्य आभूषण धारण कराए गए। जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में महाआरती संपन्न हुई और भगवान को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए।

अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब

 

रामनवमी के अवसर पर देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में पवित्र स्नान किया और विभिन्न मठों व मंदिरों में दर्शन-पूजन कर धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। राम जन्मोत्सव के महोत्सव को देखने के लिए शनिवार से ही अयोध्या में भक्तों का सैलाब उमड़ने लगा था।

 

राम जन्म की आध्यात्मिक महत्ता

 

प्रसिद्ध लेखक और साहित्यकार यतींद्र मोहन मिश्र ने भगवान श्रीराम के जन्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीराम का जन्म मानवता की प्रतिष्ठा और विश्व कल्याण के लिए हुआ था। उन्होंने कहा, “रामनवमी मनाने का उद्देश्य समाज में एक ऐसे नायक की प्रतिष्ठा को बनाए रखना है, जिन्होंने संयम, त्याग, बलिदान, वीरता और अनुशासन के माध्यम से मानवता की सेवा की।”

 

इसी क्रम में प्रसिद्ध कथावाचक प्रभंजनानंद शरण ने भी भक्तों को श्रीराम की महिमा का ज्ञान कराया। उन्होंने बताया कि “राम नाम की महिमा अपरंपार है और इसके जाप से मानव समाज भवसागर से पार हो सकता है। भक्त प्रहलाद, बालक ध्रुव, मीराबाई, संत रविदास और संत रहीम जैसे महापुरुषों ने श्रीराम के नाम का स्मरण कर अपने जीवन को धन्य बनाया।”

 

रामनगरी का अद्भुत नजारा

 

रामनवमी के इस पावन अवसर पर अयोध्या में श्रद्धा और भक्ति का अनुपम दृश्य देखने को मिला। संपूर्ण नगरी राममय हो उठी, मंदिरों में भजन-कीर्तन गूंजते रहे और राम भक्तों ने भक्ति में डूबकर इस दिव्य उत्सव को मनाया। लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव में भाग लिया और उनके दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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