आनंद मार्ग ने गदरा में तत्व सभा में अंधविश्वास को चुनौती देते हुए मानसिक दृढ़ता व आध्यात्मिकता का दिया संदेश**

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झारखंड:जमशेदपुर के गदरा क्षेत्र में आनंद मार्ग प्रचारक संघ द्वारा आयोजित तत्व सभा में प्रचारक सुनील आनंद ने तंत्र-मंत्र, बलि प्रथा और डायन जैसे अंधविश्वासों की कड़ी आलोचना करते हुए मानसिक दृढ़ता और आध्यात्मिक साधना पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंत्रों का वास्तविक उद्देश्य मानसिक शक्ति और आध्यात्मिक विकास है, न कि किसी को नुकसान पहुंचाना। तंत्र साधना के दो स्वरूप – विद्या तंत्र (मुक्ति का मार्ग) और अविद्या तंत्र (अंधविश्वास), जिसमें ओझाओं की शक्तियों को “मानसिक विकृति” कहा जाता है।
बलि प्रथा और डायन ब्रह्माण्ड को मनुष्य के कर्मफल और ईसाइयों से लाभ मिले समाज की प्रगति में बाधक बताया गया। सुनील आनंद ने जोर देकर कहा कि “भगवान अपने बच्चों की बलि नहीं ले सकते” और ऐसे शिष्य के पीछे पूर्ण विश्वास काम करता है। उन्होंने संकटों से मुक्ति के लिए परमात्मा की भक्ति, कीर्तन और संकल्प शक्ति को मुख्य उपाय बताया।
सामाजिक पहल के तहत 200 फलदार औषधियों को पर्यावरण संरक्षण एवं संदेशवाहक के रूप में 25 साडि़यों एवं धोती की ओर से सहयोग का संदेश दिया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता के साथ-साथ आध्यात्मिक विकास और मानवता को मजबूत करना है। वैज्ञानिक विचारधारा ने अहिंसा त्यागने का संकल्प लिया। सुनील आनंद ने “परमात्मा हर इंसान के दिल में हैं” का संदेश देते हुए मानसिक चिकित्सा और वैचारिक दृष्टिकोण की अपील की।