महिलाओं का आक्रोश: मंईयां सम्मान योजना का लाभ न मिलने पर जमशेदपुर में भड़का विरोध**

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:जमशेदपुर के प्रखंड कार्यालय परिसर में बुधवार को सैकड़ों महिलाओं ने मंईयां सम्मान योजना का लाभ न मिलने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी अधिकारियों पर लाभार्थियों को जानबूझकर वंचित करने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हाल ही में कुछ महिलाओं को तीन महीने की ₹7,500 की राशि प्राप्त हुई, लेकिन अधिकांश लाभुक अभी तक योजना से जुड़ी सहायता से वंचित हैं।
महिलाओं ने बताया कि वे पिछले कई महीनों से प्रखंड कार्यालय में दस्तावेज़ीकरण त्रुटियों को ठीक कराने के लिए बार-बार दौड़ लगा चुकी हैं, लेकिन अधिकारी केवल आश्वासन देकर टालते रहे। “हमारे बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर के खर्च तक के लिए यह राशि जरूरी थी। सरकार ने वादा तोड़ दिया,” एक प्रदर्शनकारी ने कहा।
इसी तरह की स्थिति झारखंड के धनबाद समेत अन्य जिलों में भी देखी जा रही है, जहां आधार-बैंक खाता लिंक न होने और तकनीकी खामियों के कारण हजारों लाभार्थियों को राशि नहीं मिल पा रही है। कुछ मामलों में तो पहली किस्त प्राप्त कर चुकी महिलाओं के नाम अचानक लाभार्थी सूची से हटा दिए गए।
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि अगले 15 दिनों में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे राज्यपाल भवन तक मार्च निकालेंगी। इस बीच, प्रशासन ने लाभार्थियों से दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया पूरी करने का आग्रह किया है, जबकि अधिकारी योजना के तहत अप्रैल 2025 से आधार-लिंक्ड खातों को अनिवार्य बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, रांची जिले में 4.31 लाख महिलाओं को पहले चरण का भुगतान सफलतापूर्वक मिल चुका है। हालांकि, जमशेदपुर और धनबाद जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में योजना का क्रियान्वयन अभी भी प्रशासनिक अक्षमताओं और तकनीकी बाधाओं से जूझ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान न दिए जाने पर यह सरकार के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों की विश्वसनीयता को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।