वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, जी का जंजाल बना रहा था डीएवी गुवा की सेवानिवृत प्राचार्या उषा राय के लिए

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:डीएवी पब्लिक स्कूल गुआ की प्राचार्या उषा राय के सेवा निवृत होने पर डीएवी गुवा के शिक्षक दो गुट में बटे दिखाई दिए ।
आधा दर्जन शिक्षक विदाई समारोह में शामिल हुए जबकि आधा दर्जन से ज्यादा शिक्षक उषा राय से नाराजगी के कारण विदाई समारोह का विरोध करते दिखे ।
सच्चाई यह भी है डीएवी पब्लिक स्कूल गुआ की प्राचार्या उषा राय के शिक्षण प्रणाली में अव्यवस्था कारण क्षेत्र के अभिभावकों में स्थानीय लोगों में असंतोष एवं नाराजगी की स्थिति शुरू से बनी हुई थी । अनियमितता पूर्वक कार्यों के कारण बच्चों में भी अस्थिरता का माहौल दिखता रहा। अभिभावकों एवं बच्चों के अनुसार डीएवी की प्राचार्या उषा राय न तो समय पर स्कूल आती है और न ही नियमित विद्यालय पर ध्यान देती है।
विद्यालय में देर से आने के कारण पठन – पाठन प्रभावित होता रहा था। डीएवी गुवा की सेवा निवृत प्राचार्या उषा रायअपने पूर्व विद्यालय डीएवी ललपनिया के पैटर्न पर डीएवी गुवा को चला रही थी।
डीएवी गुवा के पूर्व प्राचार्य र्डॉ मनोज कुमार ने इस बात की पुष्टि की थी की सेवा निवृत प्राचार्या उषा राय गुवा मे आने के पूर्व डीएवी ललपनिया में सेवारत थी। उनके सेवा कार्यकाल में अक्सर बोकारो जिले की क्षेत्रीय निदेशक अरुण कुमार सेवा निवृत प्राचार्या उषा राय की गतिविधियों पर पूर्णत निगरानी रखते हुए स्कूल की देखरेख की जानकारी लेते रहते थे ।डीएवी ललपनिया के दर्जनो शिक्षकों एवं शिक्षककेत्तर कर्मियों के अनुसार ऐसा कई बार हुआ कि प्राचार्य उषा राय अपने निजी वाहन से कार्य क्षेत्र पर बाहर रहती थी और डीएवी के क्षेत्रीय ऑफिसर अरुण कुमार से पूछे जाने पर बताती थी कि मैं विद्यालय में हूं।परिणाम स्वरूप त्वरित कार्यवाही करते हुए निदेशक अरुण कुमार सेवा निवृत प्राचार्या उषा राय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में स्कूल के लोकेशन की मांग करते थे ।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में स्कूल का लोकेशन नहीं देख कर प्राचार्या उषा राय के गतिविधियों से हमेशा नाराज रहते थे।
स्थिति यह थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्राचार्या उषा राय के लिए,जी का जंजाल बना हुआ था । उनके मनमर्जी से विद्यालय डीएवी गुवा ट्रेन में बिना लगी हुई इंजन की भांति चल रही थी ।दूसरी ओर डीएवी गुवा की सेवा निवृत प्राचार्या उषा राय के दंबगई से अभिभावकों में नाराजगी, बनी हुई थी । स्कूल मे डी थार्न नामक दवाई की खरीद- बिक्र नेटवर्किंग प्राचार्या ने जारी कर रखा था ।
डीएवी गुवा की सेवा निवृत प्राचार्या उषा राय द्वारा सेल प्रबंधन के साथ संबंधों में सुधार करने के बजाय, कटुता पैदा करने के कारण शिक्षकों का वेतन समय पर भुगतान नहीं हो रहा था ।
बताया जाता है कि डीएवी गुवा में अपने निजी स्वार्थ के तहत पहचान वाले शिक्षकों की नियुक्तियां करा प्राचार्या आर्थिक लाभ लेने के लिए लगी हुई थी ।स्थिति यह बनी हुई है कुछ शिक्षकों का स्थानांतरण कर प्राचार्या उषा राय ने पदों को रिक्त कर नई नियुक्ति स्वेच्छानुसार शिक्षकों की करने के लिए योजनाबद्ध कार्य रत रही थी। बताया जाता है कि प्राचार्या उषा राय सेल प्रबंधन को गुमराह कर अपने निजी वाहन से आवागमन कर निश्चित राशि की बिलिंग के एक निजी शिक्षक के खाते में करा उसका नगद भुगतान एक निजी शिक्षक के खाते में करा
लाभ लेती रही थी। सेल गुवा एवं डीएवी प्रबंधन इससे अभी तक बेखबर है । इसी उधेड़-बुन में विगत एक वर्ष से शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों मेडिकल बिल सेल प्रबंधन रोक रखा है। अभी हाल भी सेवा निवृत प्राचार्या ने स्कूल के वरीय पीजीटी शिक्षक को दरकिनार कर डीएवी झींकपानी से स्थानांतरित हो आए जूनियर टीजीटी शिक्षक को अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए सुपरवाइजरी हेड का पद पर नियुक्ति
करवा दी है।
संदेह प्रद स्थिति की जानकारी से सेल प्रबंधन कोसो दूर है। उक्त तथ्यों की पुष्टि भाजपा नेता सह पूर्व जिला अध्यक्ष गोविंद पाठक ने करते हुए कहा है कि सेवा निवृत प्राचार्या के अंसतोष जनक रवैया के कारण डीएवी गुवा का शिक्षा स्तर गिरा है।उक्त मसले की जाँच की माँग डीएवी संस्था के राष्ट्रीय डीएवी निदेशक डा वीर सिंह एवं डीएवी अध्यक्ष पद्मश्री पूनम सूरी से जिला अध्यक्ष गोविंद पाठक एवं
गुवा क्षेत्र के दर्जनों आम लोगों ने की है।
डीएवी के दर्जनों शिक्षकों ने बताया कि उनके पदोन्नति एवं स्थाई नियुक्ति का पत्र डीएवी संस्था द्वारा तीन माह पूर्व संस्था द्वारा निर्गत की गई थी । जिसे सेवा निवृत प्राचार्य ने छुपा कर रखा था और तीन माह बाद शिक्षकों को बता इसकी सूचना दी इससे शिक्षकों में असंतोष की स्थिति देखी गई ।