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अमित शाह ने मातृभाषाओं के समर्थन पर दिया बयान, हिंदी थोपने के आरोपों को नकारा

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उन्होंने हमेशा भारतीय भाषाओं और मातृभाषाओं के समर्थन में बात की है, न कि केवल हिंदी के विरोध में। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर किसी की मातृभाषा भारत से नहीं है तो मैं क्या कर सकता हूँ?” उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना माने जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, “जब तक कांग्रेस सत्ता में थी, उसने विभिन्न राज्यों के छात्रों पर हिंदी और अंग्रेजी थोप दी, जबकि उनकी मातृभाषाएँ अलग थीं।”

 

भाजपा नेता की यह टिप्पणी उस समय आई है जब केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत प्रस्तावित तीन-भाषा सूत्र को लेकर टकराव चल रहा है। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक (DMK) ने भाजपा-नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह एनईपी के माध्यम से राज्य पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस आरोप को खारिज कर दिया।

इससे पहले, कांग्रेस के लोकसभा सांसद कार्ति चिदम्बरम ने भी कहा था कि तमिलनाडु को तीसरी भाषा की कोई जरूरत नहीं है और राज्य दो-भाषा नीति के तहत अच्छी तरह काम कर रहा है।

 

भाषा नीति को लेकर यह विवाद तमिलनाडु सहित कई राज्यों में राजनीतिक बहस का विषय बना हुआ है।

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