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स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की कवायद तेज*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:पूर्वी सिंहभूम जिले के समाहरणालय सभागार में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) की समीक्षा बैठक में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने, महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने और स्थानीय उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर मंथन हुआ। उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जिले के 16,612 स्वयं सहायता समूहों की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की गई, जिनमें इस वित्तीय वर्ष में 300 नए समूह शामिल किए गए हैं। बैठक में 1,097 समूहों के बैंक लिंकेज संवर्धन पर विशेष ध्यान देने के साथ ही RSETI के तहत 1,040 युवाओं को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ने की रणनीति तय की गई।

धालभूमगढ़ प्रखंड में अंडा उत्पादकों के लिए ऑर्गेनिक प्रमाणीकरण प्रक्रिया शुरू करने, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के सहयोग से उच्च गुणवत्ता वाली धान की किस्मों को बढ़ावा देने और मशरूम कुकीज़ सहित मोटे अनाज आधारित पोषण उत्पादों के निर्माण पर जोर दिया गया। मधु प्रसंस्करण इकाइयों के लिए FSSAI और ISO प्रमाणन के साथ बारकोडिंग सुनिश्चित करने, पटमदा स्थित वेयरहाउस में टमाटर से उप-उत्पाद तैयार करने तथा रूर्बन योजना के तहत मोमबत्ती निर्माण इकाइयों को नई डिजाइन और रंगों से लैस करने की योजना बनाई गई। साल पत्ता प्लेट निर्माण से जुड़ी महिलाओं के लिए बाजार समन्वय पर भी चर्चा हुई।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी विभाग मिलकर स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर काम करेंगे, ताकि ग्रामीण महिलाओं और किसानों को बड़े बाजारों तक पहुंच मिल सके। JSLPS के डीपीएम सुजीत बारी ने बताया कि झारखंड में स्वयं सहायता समूहों के ऋण लिंकेज में पिछले पांच वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसे पूर्वी सिंहभूम में दोहराने का लक्ष्य है। इस अवसर पर जिला प्रबंधक, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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