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झामुमो का दो दिवसीय महाधिवेशन रांची में आयोजित, राजनीतिक रणनीति और सामाजिक मुद्दों पर होगा मंथन

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

झारखंड: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा और निर्णायक महाधिवेशन 14 और 15 अप्रैल को रांची के खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में आयोजित होने जा रहा है। यह दो दिवसीय अधिवेशन पार्टी के संगठनात्मक मजबूती को तो दर्शाएगा ही, साथ ही झारखंड की भावी राजनीतिक दिशा को लेकर कई अहम फैसलों का मंच भी बनेगा।

पश्चिमी सिंहभूम जिले से कुल 172 प्रतिनिधि इस ऐतिहासिक अधिवेशन में भाग लेने के लिए 14 अप्रैल को रांची रवाना होंगे। जिला प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय समिति द्वारा प्रारंभ में जिले से 150 प्रतिनिधियों की मांग की गई थी, लेकिन जिला अध्यक्ष सोनाराम देवगम ने जिले के राजनीतिक और सामाजिक महत्व को देखते हुए 9 अतिरिक्त प्रतिनिधियों की अनुमति मांगी, जिसे स्वीकृति भी मिल गई। इस तरह जिले से प्रतिनिधियों की संख्या बढ़कर 172 हो गई है।

महाधिवेशन में संगठनात्मक विषयों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए जाने की संभावना है। इनमें ‘जमीन पुनर्स्थापन अधिनियम’ (लैंड रेस्टोरेशन एक्ट) की मांग सबसे प्रमुख है, जो आदिवासियों और मूलवासियों के जल, जंगल और जमीन के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

 

झामुमो के वरिष्ठ नेता और मंत्री दीपक बिरुआ, सांसद जोबा माझी, विधायकगण सुखराम उरांव, जगत माझी, निरल पूरती, केंद्रीय सदस्य भुवनेश्वर महतो, इकबाल अहमद, मोनिका बोयपाई सहित 100 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ता, पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे।

 

इस महाधिवेशन के दौरान पार्टी की आगामी राजनीतिक रणनीति, चुनावी तैयारियां, झारखंडी अस्मिता की रक्षा, सामाजिक न्याय और विकास जैसे विषयों पर गहन चर्चा और विमर्श होगा। झामुमो की पहचान हमेशा जनआंदोलनों से जुड़ी रही है और पार्टी का यह महाधिवेशन उसी परंपरा को आगे बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।

 

जिले से शामिल होने वाले प्रमुख प्रतिनिधियों में ज़िला परिषद अध्यक्षा लक्ष्मी सुरेन, कोषाध्यक्ष सुभाष बनर्जी, जिला संयुक्त सचिव विश्वनाथ बाड़ा, उपाध्यक्ष अकबर खान, प्रवक्ता बुधराम लागुरी, युवा नेता, महिला प्रतिनिधि और विभिन्न समुदायों से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ता शामिल हैं।

 

प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने कहा कि झामुमो ने हमेशा आदिवासी-मूलवासी हक की लड़ाई को आवाज दी है और यह अधिवेशन एक नई ऊर्जा, नए संकल्प और संगठित भविष्य की दिशा में पार्टी को प्रेरित करेगा। यह आयोजन न केवल झामुमो के संगठनात्मक ढांचे को सशक्त बनाएगा, बल्कि झारखंड की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत भी करेगा।

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