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शिलापटों पर सियासत: बन्ना गुप्ता के नाम से जुड़े शिलान्यास चिन्ह हटाने पर बवाल, आंदोलन की चेतावनी”

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों विकास योजनाओं से ज्यादा चर्चा उनके शिलान्यास पटों को लेकर हो रही है। पूर्व विधायक और राज्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा जिन जनकल्याणकारी योजनाओं का विधिवत शिलान्यास किया गया था, अब उनके नाम वाले शिलापटों को हटाए जाने या न लगाए जाने के आरोप लग रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर स्थानीय राजनीति गरमा गई है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। विपक्ष इसे सत्ता पक्ष की ओर से की जा रही “राजनीतिक सफाई” बता रहा है, तो प्रशासनिक एजेंसियों पर पक्षपात का आरोप भी लग रहा है।

जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में बीते वर्षों में नगर विकास एवं आवास विभाग, विधायक निधि एवं अन्य योजनागत मदों से स्वीकृत कई महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास पूर्व विधायक सह वर्तमान राज्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा विधिवत रूप से किया गया था। इन योजनाओं में नागरिक सुविधाओं का विस्तार, सड़क चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण तथा परिवहन व्यवस्था में सुधार जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं।

 

हालाँकि, विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ लागू हुई आदर्श आचार संहिता के चलते इन परियोजनाओं पर काम रुक गया था। अब जब कार्य दोबारा शुरू हो चुका है और जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति तथा मानगो नगर निगम जैसे कार्यकारी निकाय योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं, तब एक गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय नागरिकों और पार्टी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि शिलान्यास स्थलों पर बन्ना गुप्ता के नाम वाले शिलापट या तो लगाए ही नहीं जा रहे हैं या पहले से लगाए गए पटों को हटा दिया गया है।

 

कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कार्य जानबूझकर राजनीतिक पूर्वाग्रह के तहत किया जा रहा है। उनका आरोप है कि कार्यकारी एजेंसियाँ वर्तमान विधायक के दबाव में आकर पूर्व विधायक बन्ना गुप्ता की योजनाओं से उनका नाम हटवा रही हैं, जो कि न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विरुद्ध भी है। इसे लेकर क्षेत्र में गहरा आक्रोश व्याप्त है।

स्थानीय नागरिकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर माननीय उपायुक्त से निवेदन किया है कि वे तत्काल हस्तक्षेप करते हुए संबंधित एजेंसियों – जमशेदपुर अक्षेस और मानगो नगर निगम – को निर्देशित करें कि सभी योजनाओं के शिलान्यास पटों को यथास्थान पर स्थापित किया जाए।

 

चेतावनी और आंदोलन की तैयारी:

कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार के जनविरोध या अशांति के लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा।

 

इस पूरे प्रकरण ने आने वाले चुनावों से पहले जमशेदपुर की राजनीति में हलचल मचा दी है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है और क्या जनता के बीच पनप रहे असंतोष को शांत किया जा सकेगा।

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