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ग्रामीण शिक्षा में नई उम्मीद की किरण: रविन्द्र बाल संस्कार स्कूल का 9वां स्थापना दिवस उत्साहपूर्वक संपन्न

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित झींकपानी में असुरा गांव स्थित रविन्द्र बाल संस्कार स्कूल ने सोमवार को अपना 9वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम केवल एक वार्षिक उत्सव नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा, आत्मनिर्भरता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संगठित संदेश बनकर सामने आया। इस अवसर पर स्कूल परिसर में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रेरणादायक भाषणों और खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों के साथ-साथ बड़ी संख्या में अभिभावक, क्षेत्रीय शिक्षाविद् और गणमान्य अतिथि शामिल हुए।

मुख्य अतिथि कुचाई प्रखंड के बीडीओ साधुचरण देवगम ने बच्चों को प्रेरित करते हुए ज्ञान को जीवन में सबसे महत्वपूर्ण तत्व बताया और शिक्षकों की सराहना की। उन्होंने कहा, “गुब्बारे को ऊंचाई हीलियम देती है, वैसे ही ज्ञान बच्चों को बुलंदियों तक पहुंचाता है।”

वहीं, हो बैंकर्स एसोसिएशन के अधिकारी सुखदेव बारी ने आत्मनिर्भरता की दिशा में बच्चों में व्यवसायिक सोच विकसित करने पर जोर दिया। बैंक अधिकारी डिबर हेंब्रम ने ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करें।

बिरुवा टेक के रामेश्वर बिरूवा और कोल्हान मॉडल पब्लिक स्कूल बासाकुटी के सिंगा तियू ने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे बच्चों के शैक्षणिक विकास में सक्रिय भागीदारी निभाएं और घर में भी पढ़ाई पर ध्यान दें।

स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े डॉ. दिनेश चंद्र सवैयां ने कहा, “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है,” और बच्चों को पौष्टिक भोजन की आदत डालने की सलाह दी।

विद्यालय की स्थापना और उद्देश्य
शिक्षिका जमुना बिरुवा ने बताया कि स्कूल की शुरुआत 12 अप्रैल 2016 को एक साधारण टाली वाले घर से हुई थी, जो सोहराय नामक व्यक्ति ने निःशुल्क उपलब्ध कराया था। स्कूल का उद्देश्य हर वर्ग के बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के लिए किस्तों में फीस जमा करने की व्यवस्था भी उपलब्ध है।

विद्यालय निदेशक सिकन्दर बुड़ीउली ने धन्यवाद ज्ञापन में आगामी सत्र 2025-26 से कई सकारात्मक बदलाव लाने की बात कही और अभिभावकों से निरंतर सहयोग की अपील की।

खेलकूद और संस्कृति का संगम
स्थापना दिवस पर आयोजित खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया। बच्चों की प्रस्तुतियों ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विजयी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।

विशिष्ट उपस्थिति
कार्यक्रम में श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर दिलदार पुरती, हो कवि सोनू हेस्सा, हो भाषा विशेषज्ञ जगन्नाथ हेस्सा, केएमपीएस अध्यक्ष चंद्रमोहन बिरुवा, स्कूल संस्थापक सुरजा बुड़ीउली, हो राइटर्स एसोसिएशन अध्यक्ष जवारलाल बांकिरा, हो महासभा के अधिकारी छोटेलाल तामसोय और हो साहित्यकार तिलक बारी सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

रविन्द्र बाल संस्कार स्कूल का यह स्थापना दिवस यह साबित करता है कि ग्रामीण भारत में शिक्षा की लौ न केवल बच्चों का भविष्य संवार रही है, बल्कि समाज को आत्मनिर्भरता और समरसता की ओर अग्रसर कर रही है।

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