संविधान के निर्माता को समर्पित श्रद्धांजलि : चाईबासा कांग्रेस भवन में डॉ. अम्बेडकर जयंती पर संगोष्ठी, लिया संविधान की रक्षा का संकल्प

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:चाईबासा में भारतीय लोकतंत्र के स्तंभ, संविधान के शिल्पकार और सामाजिक न्याय के अग्रदूत डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर सोमवार को कांग्रेस भवन, चाईबासा में भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उनके विचारों को स्मरण करते हुए कांग्रेसजनों ने उन्हें नमन किया।
कार्यक्रम की अगुवाई जिला कांग्रेस कमिटी, प. सिंहभूम ने की, जो प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के निर्देशानुसार आयोजित किया गया था। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास ने की और संचालन जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय ने किया।
“संविधान केवल ग्रंथ नहीं, एक जीवनदृष्टि है” — चंद्रशेखर दास
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास ने कहा, “बाबा साहेब की जयंती केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता का प्रतीक है। उनके द्वारा रचित संविधान ने हर भारतीय को गरिमा, समान अवसर और अधिकारों की गारंटी दी है। आज जब संविधान की आत्मा को कमजोर करने के प्रयास हो रहे हैं, तब हमें और अधिक सजग रहना होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि यह हर भारतीय के लिए जीवन का आधार है। यह हमारी अस्मिता, आज़ादी और अधिकारों का संरक्षक है। हमें इसे बचाना और सशक्त करना होगा।”
संविधान की रक्षा का लिया गया संकल्प
संगोष्ठी के अंत में उपस्थित सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब के दिखाए मार्ग पर चलने और भारतीय संविधान की रक्षा करने का सामूहिक संकल्प लिया। सभी ने एक स्वर में यह विश्वास दोहराया कि वे संविधान की मूल भावना को कभी कमजोर नहीं होने देंगे।
नेताओं ने बाबा साहेब के विचारों को बताया आज भी प्रासंगिक
संगोष्ठी को संबोधित करने वालों में कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष अनिता सुम्बरुई, जय प्रकाश महतो, महासचिव बालेमा कुई, अशोक बारिक, रविन्द्र बिरुवा, अल्पसंख्यक विभाग चेयरमैन तौहीद आलम, शिक्षा विभाग चेयरमैन पुरुषोत्तम दास पान, नगर अध्यक्ष मो० सलीम, प्रखण्ड अध्यक्ष साकारी दोंगो, सहित वरिष्ठ कांग्रेसी सनातन बिरुवा, राम सिंह सावैयां और सुरसेन टोपनो शामिल रहे। सभी वक्ताओं ने डॉ. अंबेडकर के विचारों की आज की परिस्थितियों में प्रासंगिकता को रेखांकित किया और कहा कि हमें बाबा साहेब के सिद्धांतों को अपनी नीतियों और कार्यशैली में आत्मसात करना होगा।
संगोष्ठी में अनेक कार्यकर्ता हुए शामिल
कार्यक्रम में कांग्रेस जिला कोषाध्यक्ष ललित कर्ण, सचिव मोहन सिंह हेम्ब्रम, तुरी दिग्गी, विक्रमादित्य सुंडी, सुभाष राम तुरी, रोशन जामुदा, संजय सुंडी, जोसेफ केसरिया समेत अनेक कांग्रेसजन उपस्थित थे, जिन्होंने संगोष्ठी को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
“संविधान की आत्मा को समझे बिना लोकतंत्र अधूरा है” — यह संदेश संगोष्ठी के माध्यम से गूंजता रहा और उपस्थित जनसमूह के मन-मस्तिष्क में अम्बेडकरवाद की गूंज छोड़ गया।