Regional

जमशेदपुर में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया ईस्टर, कब्रगाहों में परिजनों ने दी श्रद्धांजलि

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर में ईसाई समुदाय ने आस्था और श्रद्धा के साथ ईस्टर रविवार मनाया। बिस्टुपुर स्थित बेलडीह कब्रगाह समेत शहर के विभिन्न कब्रिस्तानों में लोगों ने अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कब्रों पर फूल चढ़ाए गए और मोमबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु के पुनरुत्थान के संदेश को आत्मसात किया गया।

जमशेदपुर के ईसाई धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक, ईस्टर रविवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धा और धार्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। बिस्टुपुर के बेलडीह कब्रगाह में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सैकड़ों परिवार अपने पूर्वजों के कब्रों पर पहुंचे और उन्हें फूल अर्पित कर मोमबत्तियां जलाईं।

 

ईस्टर को “पुनरुत्थान रविवार” या “पास्का” भी कहा जाता है। मान्यता है कि प्रभु यीशु को गुड फ्राइडे के दिन सूली पर चढ़ाया गया था, और तीन दिन बाद यानी रविवार को वे पुनर्जीवित हो गए थे। इसी चमत्कार के प्रतीक रूप में यह पर्व मनाया जाता है, जो मृत्यु पर जीवन की विजय का संदेश देता है।

बेलडीह कब्रगाह में उपस्थित लोगों ने कहा कि जैसे प्रभु यीशु मृत्यु को हराकर पुनर्जीवित हुए, वैसे ही उनके पूर्वज भी प्रभु के साथ एक नए जीवन में हैं। यह विश्वास ही उन्हें हर वर्ष ईस्टर पर कब्रगाह आने और अपने दिवंगत परिजनों को श्रद्धांजलि देने की प्रेरणा देता है।

 

इस अवसर पर चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं और भजन-कीर्तन भी आयोजित किए गए। चर्चों को आकर्षक रूप से सजाया गया और ईस्टर के प्रतीक चिन्ह—अंडे व मोमबत्तियों से वातावरण को पवित्र और शांतिमय बनाया गया।

 

शहर में शांति और सौहार्द का माहौल रहा और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

ईस्टर का संदेश यही है—अंधकार के बाद प्रकाश आता है, और मृत्यु के बाद जीवन। यह पर्व प्रेम, त्याग, और पुनरुत्थान की भावना को आत्मसात करने का अवसर है।

Related Posts