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सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी से घिरे निशिकांत दुबे, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने दायर की अवमानना याचिका

न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश पर की गई टिप्पणियों ने राजनीतिक और न्यायिक हलकों में हलचल मचा दी है। पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक अवमानना याचिका दाखिल की है। मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी गंभीर चिंता जताई है।


भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे की ओर से सुप्रीम कोर्ट और मौजूदा मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर विवाद गहराता जा रहा है। पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने दुबे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक अवमानना (क्रिमिनल कंटेम्प्ट) की याचिका दाखिल की है।

अमिताभ ठाकुर ने अपने बयान में कहा कि, “डॉ. निशिकांत दुबे ने एक मीडिया इंटरव्यू में जो बयान दिए, वे स्पष्ट रूप से सुप्रीम कोर्ट और उसके न्यायाधीशों की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले हैं। कई टिप्पणियां आपराधिक अवमानना की श्रेणी में आती हैं। इसीलिए मैंने उनके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और उन्हें दंडित करने की मांग की है।”

इधर, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) और ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (AIBA) के चेयरमैन डॉ. आदीश सी. अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्यायपालिका पर भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही आलोचनात्मक टिप्पणियों पर रोक लगाने की अपील की है। उन्होंने डॉ. दुबे की टिप्पणी को “अत्यंत चौंकाने वाला” बताते हुए कहा कि इससे न्यायपालिका की साख पर असर पड़ सकता है।

डॉ. अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट के 2023 के दो अहम फैसलों — ‘पंजाब राज्य बनाम पंजाब के राज्यपाल के प्रधान सचिव’ और ‘तमिलनाडु राज्य बनाम राज्यपाल’ — का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की व्याख्या करते हुए न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा को बरकरार रखने का प्रयास किया है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने इस मामले में पार्टी की ओर से सफाई देते हुए कहा, “न्यायपालिका का आदेश हमारे लिए सिर माथे पर है। डॉ. निशिकांत दुबे के निजी बयानों से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।”

विवाद के बीच डॉ. दुबे ने भी बयान देते हुए कहा है कि, “सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाएं लांघ रहा है और इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की जाएगी।”

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस अवमानना याचिका पर क्या रुख अपनाता है और क्या डॉ. दुबे के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई होती है।

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