पानी की भारी किल्लत से नाराज़ महिलाओं का फूटा गुस्सा, चक्रधरपुर नगर परिषद कार्यालय के समक्ष किया एनएच-75 सड़क मार्ग जाम

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड। पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित चक्रधरपुर में भीषण गर्मी के बीच पानी की लगातार होती किल्लत से परेशान महिलाओं का गुस्सा आखिरकार सोमवार को फूट पड़ा। चक्रधरपुर नगर परिषद की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ आक्रोशित महिलाओं ने नगर परिषद कार्यालय के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग 75 (NH-75) को घंटों तक जाम कर दिया। इस दौरान सड़क पर लंबा जाम लग गया, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित रहा और आम जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि बीते कई सप्ताहों से उनके मोहल्लों में पानी की आपूर्ति या तो बिल्कुल नहीं हो रही है या फिर बहुत कम मात्रा में मिल रही है। गर्मी के इस भीषण समय में पीने तक के पानी की व्यवस्था करना चुनौती बन गया है। नगर परिषद से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकाला गया, जिससे लोगों का आक्रोश और बढ़ गया।
एक स्थानीय महिला उषा देवी ने कहा, “हम रोज़ाना सुबह से लेकर दोपहर तक पानी के लिए भटकते हैं। टैंकर आता भी है तो पानी सबको नहीं मिल पाता। आखिर कब तक हम ऐसे ही जीवन गुजारें? हमारी बातें सुनने वाला कोई नहीं है। चुनावों के समय बड़े-बड़े वादे करने वाले नेता अब नज़र नहीं आते।”
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने खाली बाल्टियां, मटके और बर्तन लेकर सड़क पर बैठकर धरना दिया और नगर परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। उनका कहना था कि जब तक स्थायी समाधान नहीं मिलेगा, वे इसी तरह विरोध करती रहेंगी।
प्रदर्शन स्थल पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन जब बात नहीं बनी, तो नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और समस्या का समाधान जल्द निकालने का आश्वासन दिया। अधिकारियों ने बताया कि कुछ इलाकों में पाइपलाइन में तकनीकी खराबी के कारण जलापूर्ति बाधित हुई है, जिसे सुधारने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है।
हालांकि प्रदर्शनकारी महिलाएं अधिकारियों के आश्वासन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिखीं और उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही स्थायी व्यवस्था नहीं की गई तो वे उग्र आंदोलन करेंगी और नगर परिषद कार्यालय का घेराव करेंगी।
यह हाल तब है जब राज्य सरकार द्वारा गर्मियों में विशेष जल आपूर्ति योजनाओं की घोषणा की गई है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। लोगों का कहना है कि योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर हैं, जबकि धरातल पर उनकी कोई झलक नहीं दिख रही।
बढ़ती गर्मी और जल संकट के इस दौर में यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ चक्रधरपुर तक सीमित नहीं रह सकता — अगर समय रहते प्रशासन ने सुध नहीं ली, तो ये लपटें अन्य इलाकों तक भी पहुँच सकती हैं। जनता की यह पुकार अब सिर्फ पानी के लिए नहीं, बल्कि जीने के बुनियादी हक़ के लिए है।