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प्रेम की अंधी दौड़ में रिश्तों की हत्या: रजिया ने भांजे के साथ मिलकर पति को उतारा मौत के घाट, ट्रॉली बैग में भरकर खेत में फेंका शव

न्यूज़ लहर संवाददाता
यूपी:देवरिया में दिल्ली-मेरठ की चर्चित “मुस्कान हत्याकांड” की तर्ज पर देवरिया की रजिया खातून ने रिश्तों की मर्यादा तार-तार कर दी। उसने अपने ही भांजे रूमान के साथ मिलकर पति नौशाद की बेरहमी से हत्या कर दी और शव को ट्रॉली बैग में भरकर 60 किलोमीटर दूर फेंक दिया। शव मिलने के बाद पुलिस ने महज कुछ घंटों में हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली और पत्नी रजिया को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल प्रेमी की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है।

घटना का सिलसिलेवार विवरण

मईल थाना क्षेत्र के भटौली गांव निवासी 35 वर्षीय नौशाद पुत्र अली अहमद विदेश में नौकरी करते थे। घर पर उनकी पत्नी रजिया खातून, दस वर्षीय बेटी अतिफा और वृद्ध पिता अली अहमद रहते हैं। मृतक की बहन की शादी उसी गांव में हुई थी, जिससे उसका बेटा रूमान अक्सर उनके घर आता-जाता था। इसी दौरान रजिया और रूमान के बीच अवैध संबंध बन गए।

पिछले एक साल से दोनों के रिश्ते को लेकर परिवार में विवाद होता रहा। कुछ दिन पहले नौशाद जब विदेश से लौटे तो उन्हें इस संबंध की जानकारी हुई। उन्होंने पत्नी को फटकार लगाई और रिश्ते को खत्म करने को कहा। इससे नाराज होकर रजिया ने रूमान के साथ मिलकर हत्या की योजना बना ली।

शनिवार रात दोनों ने मिलकर नौशाद की हत्या कर दी। शव को ट्रॉली बैग में भरकर चादर से बांधा और एक वाहन से तरकुलवा थाना क्षेत्र के पकड़ी छापर पटखौली गांव के एक गेहूं के खेत में फेंक दिया।

सिर और चेहरे पर गहरे चोट के निशान

पुलिस को शव के सिर और चेहरे पर गहरे चोट के निशान मिले। घर में खून के छींटे और खून से सनी ट्रॉली बैग भी बरामद हुई, जिसके आधार पर पुलिस ने रजिया से सख्ती से पूछताछ की। उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली।

पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों की टीम गठित

सोमवार को पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों की टीम सीएमओ के निर्देश पर गठित की गई है, जो दोपहर बाद शव की जांच करेगी।

परिवार का रो-रोकर बुरा हाल, फांसी की मांग

मृतक की बहन निसात ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है। उनका कहना है कि उनके भाई की हत्या सुनियोजित साजिश के तहत की गई, क्योंकि वह अवैध संबंधों में बाधा बन रहा था।

मासूम अतिफा का क्या होगा?

इस दर्दनाक हत्याकांड के बाद 10 वर्षीय अतिफा पूरी तरह बेसहारा हो गई है। मां जेल में है और पिता दुनिया छोड़ चुके हैं। अब उसकी देखरेख और परवरिश को लेकर गांव में चर्चा का माहौल है।

यह घटना न केवल रिश्तों के पतन की मिसाल है, बल्कि सामाजिक चेतना और नैतिकता पर भी गहरे सवाल छोड़ जाती है।

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