पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने उठाए कड़े कदम, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय
न्यूज़ लहर संवाददाता
जम्मू काश्मीर:दक्षिण कश्मीर के पहलगाम स्थित बायसरन घाटी में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस निर्दयी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई जबकि 17 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। आतंकियों ने लगभग 20 मिनट तक गोलीबारी कर निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गई हैं और आतंकियों की तलाश के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से इलाके की लगातार निगरानी की जा रही है। जम्मू-कश्मीर से लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक हाई अलर्ट जारी है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज शाम सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की विशेष बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। यह बैठक लगभग ढाई घंटे तक चली और आतंकवादी हमले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कई अहम और निर्णायक फैसले लिए गए।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। सबसे पहले, पाकिस्तान के सभी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही, सार्क वीजा योजना के तहत भारत आने वाले सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए जाएंगे। जो पाकिस्तानी नागरिक इस समय भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ना होगा। इसके अलावा, भारत ने 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने का निर्णय लिया है। यह समझौता तब तक लागू नहीं रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त नहीं करता।
सीमा सुरक्षा को और सख्त करने के लिए अटारी-वाघा बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। हालांकि, जो लोग वैध तरीके से सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 तक उस मार्ग से वापस आने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा, नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है, जिन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा। इसी के साथ भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा और संबंधित पदों को निरस्त कर देगा।
पहलगाम के बायसरन घाटी में हुए इस हमले में शामिल आतंकियों की पहचान भी कर ली गई है। सुरक्षाबलों ने बताया कि दो स्थानीय आतंकियों आदिल अहमद ठाकुर और आशिफ शेख के साथ दो पाकिस्तानी आतंकियों की भी पहचान हुई है। आदिल ठाकुर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है और वह बिजबेहड़ा का रहने वाला है, जबकि आशिफ शेख जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य बताया जा रहा है और मोंघामा, मीर मोहल्ला (त्राल) का निवासी है। जांच में यह भी पता चला है कि हमले के दौरान आतंकियों ने बॉडी कैमरा लगाया था, जिससे पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है। यह रिकॉर्डिंग जांच में महत्वपूर्ण सबूत साबित हो सकती है।
हमले के बाद मृतकों के शव बुधवार को श्रीनगर लाए गए, जहां पुलिस नियंत्रण कक्ष में एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बुधवार रात श्रीनगर पहुंचे और उन्होंने मृतकों के ताबूतों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस हमले ने न केवल कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की गंभीरता को उजागर किया है, बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए आतंकवाद की चुनौती को भी स्पष्ट कर दिया है।
सरकार ने इस हमले को लेकर पूरी गंभीरता दिखाई है और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए स्पष्ट संदेश दिया है। सुरक्षा एजेंसियां पूरे क्षेत्र में सतर्क हैं और आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। इस घटना ने देशवासियों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता और एकजुटता को भी बढ़ावा दिया है। आने वाले दिनों में सरकार द्वारा और भी कड़े कदम उठाए जाने की संभावना है ताकि देश और उसकी सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।