मलेरिया पर नियंत्रण के लिए जरूरी है व्यवहार परिवर्तन” – डॉ. सुशांतों मांझी

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड। पश्चिमी सिंहभूम में विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रैल 2025) के अवसर पर चाईबासा में मलेरिया उन्मूलन के लिए एक महत्वपूर्ण मीडिया संवाद का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ. सुशांतों कुमार मांझी, असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (CMO), पश्चिमी सिंहभूम ने की। इस दौरान उन्होंने कहा कि “मलेरिया पर नियंत्रण के लिए हमें हर स्तर पर व्यवहार परिवर्तन लाना होगा।”
डॉ. मांझी ने इस वर्ष की थीम “मलेरिया का अंत हमारे साथ: पुनर्निवेश, पुनर्कल्पना, पुनर्जीवन” (Malaria Ends With Us: Reinvest, Reimagine, Reignite) को दोहराते हुए मीडिया को जनजागरूकता फैलाने में सहयोगी बताया। उन्होंने कहा कि मलेरिया केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली से जुड़ी चुनौती है, जिसे सामूहिक प्रयासों से ही खत्म किया जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि कोई भी सामान्य बुखार मलेरिया हो सकता है, इसलिए समय पर जांच और इलाज अनिवार्य है। ग्रामीणों से उन्होंने अपील की कि झाड़-फूंक जैसी अवैज्ञानिक विधियों से बचें और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या ‘सहिया’ से संपर्क करें। साथ ही मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी के उपयोग और घरों में कीटनाशी छिड़काव को जरूरी बताया।
उन्होंने बताया कि 15 मई से जिले में कीटनाशी छिड़काव अभियान शुरू किया जाएगा। साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट्स को मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा, जिससे दूरदराज के लोगों को भी समय पर इलाज मिल सके।
आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 में 23462 जांचों में 1008 मलेरिया के मामले, जबकि मार्च 2025 में 25408 जांचों में केवल 762 मामले सामने आए हैं। यह जागरूकता और बेहतर उपचार प्रणाली की सफलता को दर्शाता है।
इस मौके पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, भीबीडी सलाहकार, जिला लेखा प्रबंधक, और टाटा स्टील फाउंडेशन के प्रतिनिधि मौजूद रहे। अंत में डॉ. मांझी ने कहा, “व्यवहार में बदलाव और समुदाय की भागीदारी से ही हम मलेरिया को जड़ से खत्म कर सकते हैं।”