उपायुक्त अनन्य मित्तल ने भूमि अधिग्रहण और वन एनओसी मामलों की समीक्षा

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:पूर्वी सिंहभूम जिले में विभिन्न विकास परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में सुरदा, राखा और केन्दाडीह माइंस के अलावा धालभूमगढ़ एयरपोर्ट, फुलडुंगरी रोड, एचसीएल अस्पताल के जीर्णोद्धार और अन्य प्रमुख योजनाओं से संबंधित भूमि अधिग्रहण और वन विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) से जुड़े मुद्दों की गहन समीक्षा की गई।
बैठक में उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे स्थानीय स्टेकहोल्डर्स से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक प्रक्रियाएं जैसे भूमि चिन्हांकन, ग्राम सभा की स्वीकृति एवं विधि व्यवस्था संबंधी कदम शीघ्र पूर्ण करें, ताकि परियोजनाओं को बिना विलंब के प्रारंभ किया जा सके।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि “परियोजनाओं में पारदर्शिता और संवेदनशीलता अनिवार्य है ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर उचित मुआवजा मिले और योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई बाधा उत्पन्न न हो।”
बैठक में वन भूमि पर प्रस्तावित योजनाओं के लिए एनओसी प्रक्रिया की स्थिति की भी विस्तार से समीक्षा की गई। उपायुक्त ने सभी विभागों को केंद्र एवं राज्य सरकार की निर्धारित प्रक्रिया के तहत समयबद्ध ढंग से रिपोर्ट एवं दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी सबा आलम अंसारी, परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी, एडीसी भगीरथ प्रसाद, एसडीओ घाटशिला सुनील चंद्र, जिला कल्याण पदाधिकारी शंकराचार्य समद, ईडी एचसीएल, पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता दीपक सहाय, सीओ धालभूमगढ़ समीर कच्छप, बीडीओ घाटशिला यूनिका शर्मा, सीओ घाटशिला एवं सीओ मुसाबनी समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
यह बैठक जिले के विकास कार्यों में तेजी लाने, प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने तथा आम जनता को योजनाओं का शीघ्र लाभ दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।