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अक्षय तृतीया पर मनाया जाएगा ‘ब्राह्मण शक्ति दिवस’, भगवान परशुराम की जयंती पर विशेष आयोजन

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:जमशेदपुर में झारखंड ब्राह्मण शक्ति की केंद्रीय समिति ने घोषणा की है कि आगामी 29 अप्रैल (मंगलवार) को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर भगवान श्री परशुराम जयंती को ‘ब्राह्मण शक्ति दिवस’ के रूप में धूमधाम से मनाया जाएगा। यह आयोजन हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जमशेदपुर के बाराद्वारी विश्वकर्मा भवन में शाम 4 बजे से प्रारंभ होगा।

इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए विभिन्न प्रभारियों की नियुक्ति की गई है।
कार्यक्रम प्रभारी – डॉ. पवन पांडेय एवं अशोक पांडेय
प्रचार-प्रसार प्रभारी – उमलेश पांडेय एवं मिथिलेश दूबे
कोष प्रभारी – संजय मिश्रा एवं योगेश दूबे
मंच प्रभारी – चंद्र प्रकाश शुक्ला एवं श्रीमती विजया वासनी पांडेय
अतिथि प्रभारी – जितेन्द्र मिश्रा एवं रामानुजन चौबे
खान-पान प्रभारी – पप्पू पांडेय एवं ललित पांडेय

ब्राह्मण शक्ति दिवस का उद्देश्य केवल एक परंपरा का निर्वहन नहीं, बल्कि सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज, सनातन संस्कृति और हिन्दू समाज को उनके परम आराध्य भगवान श्री परशुराम की दिव्य शिक्षाओं से जोड़ना है। भगवान परशुराम को धरती पर चिरंजीवी माने जाने वाले आठ महापुरुषों में एक माना जाता है। वे केवल शास्त्र के ज्ञाता ही नहीं, बल्कि शस्त्र विद्या में भी निष्णात थे।

कार्यक्रम समिति का मानना है कि वर्तमान समय की सामाजिक चुनौतियों और नैतिक संकटों के पीछे समाज द्वारा शस्त्र और आत्मरक्षा के ज्ञान से दूरी भी एक प्रमुख कारण है। इतिहास साक्षी है कि केवल शास्त्रों से सभ्यता की रक्षा नहीं हो सकती, उसके साथ शस्त्रों की आवश्यकता भी अनिवार्य होती है।

समिति ने यह भी कहा कि जब-जब ब्राह्मणों और सनातन संस्कृति ने शस्त्र को अपनाया है, तब-तब अनैतिक और आसुरी शक्तियों का विनाश हुआ है। शक्ति का संतुलित और उचित प्रयोग ही समाज और राष्ट्र की रक्षा का मार्ग प्रशस्त करता है। यदि शक्ति गलत हाथों में हो तो समाज, देश और दुनिया को उसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ता है।

आज की परिस्थिति में व्यक्ति और समाज को भगवान परशुराम के आदर्शों का अनुसरण करना जरूरी हो गया है। आत्मरक्षा, आत्मनिर्भरता और निडरता की शिक्षा ही वर्तमान युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। कार्यक्रम में भगवान परशुराम की शिक्षाओं, ब्राह्मण समाज की भूमिका और सनातन संस्कृति के संरक्षण पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

समिति ने सभी ब्राह्मण समाज के सदस्यों एवं सनातन संस्कृति प्रेमियों से इस आयोजन में सम्मिलित होकर इसे सफल बनाने की अपील की है।

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