चाईबासा और चक्रधरपुर न्यायालयों में मासिक लोक अदालत का सफल आयोजन, 259 मामलों का निपटारा

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।चाईबासा में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा), रांची के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद शाकिर के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा), पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा के तत्वावधान में शनिवार को चाईबासा व्यवहार न्यायालय एवं चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में मासिक लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया।
इस लोक अदालत के दौरान दोनों न्यायालय परिसरों में कुल नौ न्यायपीठों का गठन किया गया। सुलहनीय मामलों की सुनवाई करते हुए कुल 259 मामलों का निष्पादन किया गया और ₹80,05,265 (अस्सी लाख पाँच हजार दो सौ पैंसठ रुपये) की राशि का समायोजन किया गया, जिससे संबंधित पक्षकारों को बड़ी राहत मिली।
डालसा सचिव रवि चौधरी ने जानकारी दी कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य आम जनता को त्वरित, सरल और सुलभ न्याय उपलब्ध कराना है। हर माह लोक अदालत का आयोजन किया जाता है, जहां वादकारी आपसी सहमति से अपने मामलों का समाधान करा सकते हैं।
चाईबासा न्यायालय परिसर में आयोजित लोक अदालत में न्यायिक पदाधिकारियों और पैनल अधिवक्ताओं की सक्रिय भागीदारी रही। चाईबासा में लोक अदालत की पीठों का नेतृत्व योगेश्वर मणि, प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय; संतोष आनंद प्रसाद, जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय; अक्षत श्रीवास्तव, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी; एंजिलिना नीलम मड़की, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी; सुप्रिया रानी तिग्गा, निबंधक सह अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, सदर और मंजीत कुमार साहू, रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी ने किया।
वहीं चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में लोक अदालत की न्यायपीठों का नेतृत्व अजय कुमार सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम और कृष्णा लोहरा, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने किया।
इन न्यायपीठों में मौजूद पैनल अधिवक्ताओं और प्राधिकृत कर्मियों ने मध्यस्थता और आपसी समझौते के माध्यम से मामलों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लोक अदालत के सफल आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि संवाद और मध्यस्थता के माध्यम से न्याय प्रक्रिया को अधिक मानवीय, सुलभ और संवेदनशील बनाया जा सकता है।