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जिले में विकास कार्यों की बदहाली पर गीता कोड़ा का प्रहार, कहा—जनप्रतिनिधि जनता से कर रहे विश्वासघात

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:चाईबासा में हाल ही में सम्पन्न दिशा (DISHA) बैठक को लेकर पूर्व सांसद और भाजपा नेत्री गीता कोड़ा ने शनिवार को जिले के जनप्रतिनिधियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने विकास योजनाओं में उदासीनता और भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाए और जनता से अपने अधिकारों के लिए जागरूक होने का आह्वान किया।
पश्चिमी सिंहभूम समाहरणालय में आयोजित दिशा बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि जिले के जनप्रतिनिधियों ने जनता के हितों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक में किसी भी महत्वपूर्ण विषय पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, जिससे आम जनता की समस्याओं के प्रति सरकार और जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता उजागर होती है।

गीता कोड़ा ने कहा कि जिले में अधिकांश विकास योजनाएँ केवल डीएमएफटी और कैंपा फंड के भरोसे चल रही हैं और इन फंडों का भी दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने चेताया कि दिशा जैसी बैठकों का उद्देश्य अब महज औपचारिकता तक सीमित रह गया है।

पूर्व सांसद ने कहा कि हजारों करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद जिले में आज भी शुद्ध पेयजल, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और सशक्त शिक्षा व्यवस्था का अभाव है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर स्थिति में हैं, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, और कृषि योजनाएं सिर्फ कागजों पर सिमटी हुई हैं। स्वरोजगार और कौशल विकास की योजनाओं का भी कोई ठोस प्रभाव जमीन पर नहीं दिखता।

गीता कोड़ा ने साफ शब्दों में कहा कि जिले में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन चरम पर है, जबकि पारदर्शिता पूरी तरह गायब है। उन्होंने एलान किया कि भाजपा जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए व्यापक जन आंदोलन शुरू करेगी।

अंत में उन्होंने जनता से अपील की, “अब वक्त आ गया है कि इस विफल और जनविरोधी नेतृत्व को बेनकाब किया जाए। जनता को अपने अधिकारों के लिए जागरूक होकर सवाल उठाने चाहिए।”

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