नोवामुंडी में कैम्प योजना के तहत परिसंपत्ति वितरण, आजीविका संवर्धन को मिली नई दिशा*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:नोवामुंडी में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी कैम्प योजना के तहत आज नोवामुंडी स्थित वीटी सेंटर, टाटा स्टील परिसर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य आजीविका संवर्धन हेतु परिसंपत्तियों का वितरण करना था, जिससे वन क्षेत्र के लाभुकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सोनाराम सिंकू थे। साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन और उप प्रमुख ज्योति दास भी मंचासीन रहीं। अतिथियों ने संयुक्त रूप से लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण कर योजना का शुभारंभ किया।
इस मौके पर चाईबासा वन प्रमंडल के वन प्रमंडल पदाधिकारी आदित्य नारायण, सलग्न पदाधिकारी प्रशांत हिम्मत बाविशकर, आरसेटी (RSETI) के डायरेक्टर संदीप बिरुली, टाटा स्टील के चीफ माइनिंग ऑफिसर डी. बिजेंद्रम, वन विभाग के रेंजर जितेंद्र प्रसाद सिंह, और चाईबासा वन प्रमंडल के समस्त वन कर्मी उपस्थित थे।
अतिथियों ने अपने संबोधन में योजना की सराहना करते हुए कहा कि कैम्पा योजना ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भागीदारी निभाने का सुनहरा अवसर प्रदान करती है। विधायक सोनाराम सिंकू ने कहा कि सरकार की यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक है, बल्कि वन क्षेत्र के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का माध्यम भी है।
आरसेटी के सहयोग से लाभुकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है, ताकि वे वितरित परिसंपत्तियों का समुचित उपयोग कर सकें। टाटा स्टील के अधिकारी डी. बिजेंद्रम ने कहा कि कंपनी हमेशा से सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत ऐसी योजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाती रही है।
कार्यक्रम के अंत में सभी लाभुकों ने प्रसन्नता जताई और सरकार व वन विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया।
यह आयोजन सरकार, वन विभाग, औद्योगिक संस्थान और स्थानीय जनता के बीच समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर सामने आया है, जो आने वाले समय में आजीविका संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नई मिसाल कायम करेगा।