दुल सुनुम रे’ कार्यक्रम में स्व. श्यामू चरण तुबिद को श्रद्धांजलि, अर्जुन मुंडा और बड़कुंवर गागराई ने निभाई आदिवासी परंपरा

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:चाईबासा में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता जे. बी. तुबिद के स्वर्गीय पिता श्यामू चरण तुबिद की स्मृति में आज चाईबासा में पारंपरिक ‘दुल सुनुम रे’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई समेत बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, ग्रामीणजन, बुद्धिजीवी और युवा वर्ग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी ‘हो’ समाज की परंपरा के अनुसार हुई। स्वर्गीय तुबिद जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई, तत्पश्चात स्मारक स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
आदिवासी रीति-रिवाज के अनुरूप सभी ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सामूहिक शांति पाठ भी किया।
पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने कहा,
“दुल सुनुम रे” हमारी ‘हो’ समाज की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो दिवंगत आत्माओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के साथ-साथ सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रतीक भी है। स्वर्गीय श्यामू चरण तुबिद हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत थे। हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी स्वर्गीय तुबिद को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि,
“श्यामू चरण तुबिद जी ने अपने जीवन से समाज के बीच जो आदर्श प्रस्तुत किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी रहेगा।”
समारोह के अंत में जे. बी. तुबिद ने सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा,
“मेरे पिता ने जो सेवा और मार्गदर्शन समाज को दिया, उसे मैं अपने जीवन का पथप्रदर्शक मानकर आगे बढ़ने का प्रयास करूंगा। यह आयोजन उनके प्रति हमारी कृतज्ञता का छोटा सा प्रयास है।”
‘दुल सुनुम रे’ कार्यक्रम ने एक बार फिर यह प्रमाणित किया कि आदिवासी समाज अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को कितनी श्रद्धा और गर्व के साथ निभाता है। आयोजन सामाजिक एकता, संस्कृति संरक्षण और भावनात्मक जुड़ाव का सशक्त उदाहरण बनकर उभरा।