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मनरेगा और आवास योजनाओं की प्रगति पर समीक्षा बैठक, योजनाओं में तेजी लाने के दिए गए निर्देश*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त के निर्देशानुसार जिला परिषद कार्यालय सभागार में उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिले में चल रही मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), अबुआ आवास योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन मिशन, और अन्य ग्रामीण विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।

बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक एवं कनीय अभियंता, जेएसएलपीएस के जिला एवं प्रखंड स्तरीय कार्यक्रम प्रबंधक, तथा जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक (बैंक ऑफ इंडिया) सहित अन्य प्रमुख बैंकों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

*बैठक के प्रमुख बिंदु और दिए गए निर्देश इस प्रकार रहे:*

अबुआ आवास और पीएम आवास योजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिए गए। उन्हें प्रत्येक दिन क्षेत्रीय कर्मियों को भेजने और सप्ताह में दो से तीन दिन स्वयं पंचायत भ्रमण कर योजनाओं की निगरानी करने को कहा गया।

बैंकों को निर्देश दिया गया कि आवास योजनाओं के लाभुकों को मिलने वाली राशि में कोई बाधा न हो, इसके लिए सभी शाखाओं में कैश की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 3000 एकड़ भूमि में पौधारोपण कार्य हेतु 15 मई 2025 तक गड्ढा खुदाई का कार्य पूर्ण करने और ‘बागवानी सखी’ को टैग कर योजना को गति देने के निर्देश दिए गए।

बैठक में यह भी बताया गया कि पौधों की खरीद ‘दीदी बगिया योजना’ से की जाएगी, इसलिए नर्सरी तैयार करने की प्रक्रिया में भी तेजी लाने की जरूरत है।

बिरसा सिंचाई कूप योजना के तहत सभी कूपों का निर्माण बरसात से पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।

वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत प्रत्येक गांव में कम से कम एक खेल मैदान के लिए स्थल चयन कर एक सप्ताह के भीतर कार्य प्रारंभ करने का आदेश दिया गया।

साथ ही तालाब निर्माण, कच्ची नालियों का निर्माण, टांड़ की मेड़बंदी, लूज बोल्डर चेक डैम, बायोगैस प्लांट जैसी योजनाओं को भी त्वरित गति से प्रारंभ करने पर जोर दिया गया।


उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा ने सभी संबंधित पदाधिकारियों से कहा कि योजनाओं की समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन से ही ग्रामीण क्षेत्र का समुचित विकास संभव है, इसलिए कार्यों में किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यह बैठक जिला प्रशासन की विकास योजनाओं को धरातल पर प्रभावशाली ढंग से उतारने की दिशा में एक मजबूत प्रयास के रूप में देखी जा रही है।

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