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डालसा सचिव ने वृद्धा आश्रम व बाल आश्रय गृह का किया निरीक्षण, दी कई दिशा-निर्देश

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:झालसा, रांची के निर्देशानुसार पाकुड़ जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा वृद्धजनों और बच्चों की सुविधाओं का मूल्यांकन करने के लिए विशेष निरीक्षण अभियान चलाया गया। इस क्रम में डालसा सचिव रूपा बंदना किरो ने वृद्धा आश्रम और बाल आश्रय गृह का दौरा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

पाकुड़ जिले के सनाजोड़ी स्थित वृद्धा आश्रम और चापाडांगा में संचालित बाल आश्रय गृह का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) पाकुड़ की सचिव रूपा बंदना किरो द्वारा किया गया। यह निरीक्षण माननीय झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) रांची के निर्देश एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ शेष नाथ सिंह के आदेशानुसार किया गया।

निरीक्षण के दौरान सचिव ने वृद्धा आश्रम में रह रहे वृद्ध महिला-पुरुषों से संवाद कर उनकी समस्याओं व सुविधाओं की जानकारी ली। आश्रम की पानी, साफ-सफाई, स्वास्थ्य जांच और खानपान संबंधी व्यवस्थाओं का विस्तार से मूल्यांकन किया गया। सभी वार्डों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने टूटी खिड़कियों के शीशे जल्द मरम्मत कराने का निर्देश दिया। आश्रम संचालक ने जानकारी दी कि मरम्मत कार्य प्रगति पर है, जो पूर्व में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत शुरू किया गया है। मौके पर उपस्थित वृद्धजनों के बीच फल वितरित किए गए और आश्रम संचालक को कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए।

बाल आश्रय गृह में सचिव ने कुल 23 बच्चों और स्पेशल केयर में रह रहे 7 बच्चों से मुलाकात की। निरीक्षण के दौरान सभी बच्चे उत्साहित और स्वस्थ पाए गए। सचिव ने बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और दैनिक जीवन से संबंधित सुविधाओं की जानकारी भी ली।

इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सहायक नंदलाल पाल, जन लोक कल्याण परिषद के सचिव सरोज कुमार झा, कुंदन कुमार, पैरा लीगल वॉलंटियर्स उत्पल मंडल और नीरज कुमार राउत समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। मौके पर उपस्थित पीएलवी को निर्देश दिया गया कि वे नियमित रूप से वृद्धजनों की स्थिति की निगरानी करें और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत संबंधित विभाग को सूचित करें।

यह निरीक्षण माननीय झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष के उस निर्देश का हिस्सा है, जिसमें प्रत्येक माह वृद्धा आश्रम एवं बाल आश्रय गृह का निरीक्षण कर वहां की सुविधाओं की जानकारी लेने और सुधार हेतु आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही गई है।

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