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सरायकेला में मवेशी तस्करी का भंडाफोड़: दो सौ बैल जब्त, करोड़ों का अवैध कारोबार उजागर

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।सरायकेला-खरसावां जिले में पुलिस ने मवेशी तस्करी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। कुचाई प्रखंड अंतर्गत दलभंगा ओपी क्षेत्र के तोरम्बा-सियाडीह इलाके में गुप्त सूचना पर की गई छापेमारी में पुलिस ने करीब 200 बैलों को जब्त किया है, जिनकी अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपये बताई जा रही है।

 

यह कार्रवाई एक विशेष अभियान के तहत की गई, जिसमें पुलिस ने रणनीतिक ढंग से तस्करों के गुप्त रास्तों पर निगरानी रखी। जब्त किए गए बैलों के पैरों में लोहे की नाल ठोकी गई थी, जिससे यह संकेत मिलता है कि उन्हें लंबी दूरी पैदल तय करवाने के लिए तैयार किया गया था।

सूत्रों के अनुसार, तस्कर कोल्हान क्षेत्र के गांवों से मवेशी खरीदकर उन्हें रात के अंधेरे में पैदल तोरम्बा, दलभंगा और कुचाई के जंगलों और पगडंडी रास्तों से पार कराते थे। ये मवेशी राँची के तमाड़ इलाके से होते हुए बंगाल और अन्य राज्यों की मंडियों तक पहुंचाए जाते थे, जहाँ इनकी ऊंचे दामों पर बिक्री होती थी।

सीआरपीएफ कैम्प में बनाए गए बैलों के लिए अस्थायी शरणालय

फिलहाल, जब्त किए गए सभी बैलों को दलभंगा स्थित सीआरपीएफ कैम्प में बनाए गए अस्थायी शरणालय में रखा गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।

संगठित गिरोह की आशंका, पुलिस की अगली कार्रवाई मास्टरमाइंड पर केंद्रित

पुलिस सूत्रों का मानना है कि यह तस्करी रैकेट एक संगठित गिरोह द्वारा संचालित हो रहा है, जो स्थानीय प्रशासन की ढिलाई का फायदा उठाकर मजबूत नेटवर्क बना चुका है। पूछताछ में कई अहम जानकारियाँ सामने आई हैं और पुलिस अब इस तस्करी के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की योजना बना रही है। अधिकारियों के मुताबिक, आगामी दिनों में इस पूरे नेटवर्क के खिलाफ सघन छापेमारी अभियान चलाया जाएगा।

तोरम्बा-सियाडीह बना तस्करों का सेफ कॉरिडोर

स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में टोलको, कुचाई, दलभंगा, रडगांव (तमाड़) और चांडिल क्षेत्र तस्करों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर बन चुके हैं। रात के समय बिना रोकटोक के सैकड़ों मवेशियों को पैदल पार कराना आम बात हो गई थी। इस बार पुलिस को मिली बड़ी सफलता से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है और उम्मीद की जा रही है कि इस कार्रवाई से मवेशी तस्करी के इस धंधे पर रोक लगेगी।

स्थानीय युवक और बिचौलिये भी शामिल

इस तस्करी रैकेट में स्थानीय युवक, वाहन चालक, बिचौलिये और कुछ कथित व्यापारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

यह कार्रवाई मवेशी तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है और अब पूरे क्षेत्र में प्रशासन की सक्रियता बढ़ गई है।

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