जाति जनगणना को लेकर केंद्रीय कैबिनेट के ऐतिहासिक निर्णय का भाजपा पिछड़ा जाति मोर्चा ने किया स्वागत, कहा—“मोदी सरकार ने दिखाया संकल्प का साहस”*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: केंद्र सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना कराने के निर्णय को लेकर देशभर में राजनीतिक हलचल के बीच भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ा जाति मोर्चा ने इस फैसले का भव्य स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक और दूरदर्शी निर्णय बताया है। मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमन्त कुमार केशरी ने मंगलवार को प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि यह फैसला देश के सामाजिक संतुलन और समावेशी विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी के बाद कई बार जनगणनाएं हुईं, लेकिन स्वतंत्र भारत में जाति आधारित जनगणना की पहल आज तक किसी भी सरकार ने नहीं की। अन्य दलों ने इसे केवल राजनीतिक हथियार और वोट बैंक की राजनीति तक सीमित रखा। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने अपने 70 वर्षों के शासनकाल में कभी जाति जनगणना को प्राथमिकता नहीं दी।” वहीं, इंडिया गठबंधन और राहुल गांधी पर भी हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये दल केवल चुनावों के दौरान जनभावनाओं को भड़काने के लिए जाति जनगणना की बात करते रहे, पर उनकी मंशा कभी स्पष्ट नहीं रही।
*”जो कहा, वो किया — मोदी जी का संकल्प साबित”*
हेमंत केशरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह जो कहते हैं, वही करते हैं। इस निर्णय से विपक्षियों के पास जाति जनगणना को लेकर अब कोई राजनीतिक आरोप लगाने का अवसर नहीं बचा है। उन्होंने इसे विकसित भारत की दिशा में एक सशक्त कदम बताया।
*”पिछड़ा वर्ग को मिलेगा असली सामाजिक दर्जा”*
भाजपा पिछड़ा जाति मोर्चा को विश्वास है कि इस जाति जनगणना के माध्यम से देश में पिछड़े वर्ग की वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी, जिससे उनके लिए नीतिगत निर्णयों में पारदर्शिता आएगी और उन्हें हर क्षेत्र में समुचित प्रतिनिधित्व और अवसर मिल सकेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि जाति जनगणना के आंकड़ों के आधार पर भविष्य में पिछड़ा वर्ग अग्रज जातियों की तरह सशक्त और आत्मनिर्भर बनकर उभरेगा।
*मोर्चा की स्पष्ट मंशा: समावेशी और न्यायपूर्ण विकास*
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि भाजपा की नीति हमेशा “सबका साथ, सबका विकास” पर आधारित रही है, और यह निर्णय उसी संकल्प का हिस्सा है। जातिगत आकड़ों के माध्यम से सरकार को नीति निर्धारण में सटीकता मिलेगी, जिससे समाज के वंचित तबकों को सही मायने में उनका हक मिल सकेगा।