11 मई को चाईबासा में आयोजित होगा शिक्षक सम्मान सम्मेलन, झारखंड में पहली बार 100 शिक्षकों को किया जाएगा सम्मानित* *शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन व परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा रहेंगे मुख्य अतिथि*

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा: झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ, पश्चिमी सिंहभूम द्वारा आगामी 11 मई 2025 को चाईबासा में “शिक्षक सम्मान सम्मेलन समारोह” का भव्य आयोजन किया जाएगा। समारोह की तैयारियों का जायजा संघ के जिला अध्यक्ष सपन साहू ने समीक्षा बैठक के माध्यम से लिया। उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक अवसर पर राज्य के 100 शिक्षकों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा, जो झारखंड में पहली बार हो रहा है।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में परिवहन मंत्री एवं चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा समारोह में शामिल होंगे। कार्यक्रम को और गरिमामय बनाने के लिए सांसद जोबा माझी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी।
इसके अतिरिक्त कई अन्य विधायकगण भी विशिष्ट अतिथियों के रूप में शिरकत करेंगे, जिनमें चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, मझगांव विधायक निरल पूर्ति, मनोहरपुर विधायक जगत मांझी, जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकु एवं खरसावां विधायक दशरथ गागराई शामिल हैं।
कार्यक्रम में झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष श्रवण मिश्र, महासचिव योगेंद्र तिवारी एवं अन्य वरिष्ठ संघीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
*सम्मेलन में उठेंगे शिक्षकों से जुड़े अहम मुद्दे*
सम्मेलन में केवल सम्मान ही नहीं बल्कि शिक्षकों से जुड़े कई ज्वलंत मुद्दों पर गहन चर्चा भी होगी। चर्चा के प्रमुख विषयों में शामिल हैं:
शिक्षकों के MACP और ग्रेड की प्रोन्नति
अंतर जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया
2015 में नियुक्त शिक्षकों को एक वार्षिक वेतनवृद्धि का अभाव
बैंचिंग से जुड़ी समस्याएं
सेवा संपुष्टि एवं सेवानिवृत्ति संबंधी विलंब
छात्रों को समय पर पुस्तकें, पोषाहार और अन्य मूलभूत सामग्री की उपलब्धता
सरकार की जवाबदेही बनाम शिक्षकों का कर्तव्य
संघ की बैठक में जिला उपाध्यक्ष जमेजय प्रधान, वरीय उपाध्यक्ष दामु सुंदर, महिला नेटवर्क की सदस्य शशिकला पूर्ति, वरीय सचिव सर्वेश्वर साहू सहित अन्य पदाधिकारी मुंडा और सौरभ भी उपस्थित रहे।
इस आशय की जानकारी जिला अध्यक्ष सपन साहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन न केवल शिक्षकों के सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि उनके अधिकारों और समस्याओं के समाधान की दिशा में एक ठोस पहल भी साबित होगा।