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गुवा डीएवी स्कूल में नई प्राचार्या माधवी पांडेय ने संभाला पदभार, विद्यालय परिसर में भव्य स्वागत बच्चों की समग्र उन्नति और उनके चरित्र निर्माण के लिए सबका साथ, विद्यालय का विकास’ के सिद्धांत पर कार्य किया जाएगा— प्राचार्या माधवी पांडेय

न्यूज़ लहर संवाददाता
गुवा।डीएवी पब्लिक स्कूल, गुवा में एक नई शुरुआत देखने को मिली जब माधवी पांडेय ने प्राचार्या के रूप में पदभार ग्रहण किया। विद्यालय परिसर में उनका भव्य स्वागत विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा बच्चों क्ष द्वारा गुलदस्ता भेंट कर किया गया। पूरे माहौल में उत्साह और नई उम्मीदों की झलक दिखाई दी। बताया जाता है कि प्राचार्या माधवी पांडेय को शिक्षा जगत में दीर्घकालीन अनुभव प्राप्त है। वे इससे पहले संत मैरी कॉन्वेंट स्कूल, शास्त्री नगर (गाजियाबाद, यूपी), आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल (रेहला) और बीरला बालिका विद्यापीठ, बीटीएस कैंपस (पिलानी, राजस्थान) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में सेवा दे चुकी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अनुभवी नेतृत्व के आगमन से डीएवी गुवा को निश्चित ही नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने में मदद मिलेगी। पदभार ग्रहण करने के उपरांत प्राचार्या माधवी पांडेय ने शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान का हस्तांतरण नहीं, बल्कि एक बेहतर और सभ्य समाज के निर्माण का माध्यम है।

उन्होंने कहा कि,हमारी पहली प्राथमिकता बच्चों की समग्र उन्नति और उनके चरित्र निर्माण पर रहेगी। हम चाहेंगे कि हर छात्र न केवल पढ़ाई में उत्कृष्टता प्राप्त करे बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक बने। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को मिलकर ‘सबका साथ, विद्यालय का विकास’ के सिद्धांत पर काम करना होगा। उन्होंने सहयोग की भावना के साथ कार्य करने की अपील की। इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से विकास मिश्रा, रंजना प्रसाद, पुष्पांजलि नायक, आशुतोष शास्त्री, आकांक्षा सिंह, जयमंगल, राजवीर सिंह, योगेन्द्र त्रिपाठी, अनिरुद्ध दत्ता, ललित कुमार बेहरा और पवन कुमार विजय मालवा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। माधवी पांडेय के आगमन से विद्यालय परिवार में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। समस्त शिक्षक वर्ग एवं छात्र समुदाय ने उन्हें पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में डीएवी गुआ न केवल शैक्षणिक परिणामों में उत्कृष्टता प्राप्त करेगा, बल्कि नैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक आदर्श शिक्षण संस्थान के रूप में उभरेगा।

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